बदरीनाथ हाईवे पर फिर बढ़ी टेंशन, जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद सड़कों पर गड्ढे
जिस सड़क में यह गड्ढे हुए थे उसी सड़क से होकर प्रतिदिन हजारों की तादात में यात्रा वाहन जोशीमठ नगर से गुजर रहे हैं। इसी सड़क के ठीक नीचे लगभग 40 से अधिक परिवार निवास करते हैं। गड्ढों को भरा है।
चारधाम यात्रा के पड़ाव पर एक हाईवे पर एक बार फिर टेंशन बढ़ गई है। बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ के रेलवे आरक्षण केन्द्र के पास मंगलवार को दो जगहों में बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई दिए है। दोनों गड्ढे एक दूसरे से लगभग 30 मीटर की दूरी पर हुए है।
लगभग डेढ़ माह बाद हाईवे में गड्ढे होने से एक बार फिर से लोगों में दहशत का माहौल दिखाई दे रहा है। बीआरओ ने इन दोनों गड्ढो में पत्थर और मिट्टी भर दी है। बीती अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में जल संस्थान कार्यालय के ऊपर बदरीनाथ नेशनल हाईवे में नाली बनाते समय एक गहरा गड्ढा दिखाई दिया था।
इन दिनों बदरीनाथ और हेमकुंड की यात्रा चरम पर है। जिस सड़क में यह गड्ढे हुए थे उसी सड़क से होकर प्रतिदिन हजारों की तादात में यात्रा वाहन जोशीमठ नगर से गुजर रहे हैं। इसी सड़क के ठीक नीचे लगभग 40 से अधिक परिवार निवास करते हैं। दोनों गड्ढे लगभग चार से पांच फीट चौड़े है।
जिस करण से लोगों में डर बढ़ गया है। उधर, नगर के मनोहरबाग में अभी भी भूधंवास का सिलसिला जारी है। नगर पालिका द्वारा आदि केदारेश्वर से ज्योर्तिमठ मनोहरबाग तक पूर्व में निर्मित हल्का मोटर वाहन मार्ग में लगातार मोटी-मोटी दरारें पड़ रही हैं।
जिस कारण यहां से दुपहिया वाहनों की आवाजाही भी खतरे से खाली नहीं है। बता दें कि नगर में बढ़ रहे भू धंसाव के कारण लगभग बारह सौ परिवारों को विस्थापन की योजना पर सरकार विचार कर रही है।
दोनों जगहों में हुए गड्ढों को बीआरओ ने भर दिया है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी गई है। साथ ही बीआरओ को जोशीमठ नगर क्षेत्र से गुजरने वाले पूरे नेशनल हाईवे का बारीकी से निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं। मनोहरबाग हल्का वाहन मोटर मार्ग का निरीक्षण करने के बाद नगर पालिका को इस बावत निर्देश दिए जाएंगे।
चन्द्र शेखर बशिष्ठ, एसडीएम
दोनों गड्ढे अधिक गहरे नहीं थे, इनमें पत्थर मलवा आदि भरकर इसे वैकल्पिक रूप से ठीक कर दिया गया है। जल्द इनके उपर कंकरेटिंग की जायेगी। जोशीमठ की पूरी सड़क ठीक है, पिछले साल फारेस्ट चैक पोस्ट से मारवाडी पुल तक रडार से पूरे सड़क की स्केनिंग की गई थी।
साथ ही एनजीआरआई से सर्वे भी करवाया गया है। जहां कहीं भी सड़क धंस रही है वह मात्र नगर क्षेत्र के पानी के अंदर से रिवास के कारण ऐसा हो रहा है। नगर में ड्रैनेज सिस्टम नहीं है। अगले वर्ष तक पूरी सड़क को वैज्ञानिकी तरीके से पुनःनिर्मित किया जायेगा।
कर्नल अंकुर महाजन, कमांडर बीआरओ
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