शिक्षक भर्ती: बेरोजगारों पर भारी अफसरों की ढिलाई, अब कैसे मिलेगा रोजगार
तीन साल पहले शुरू हुई यह भर्ती पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से अधर में लटकी है। बेरोजगारों का कहना है कि वर्ष 2020 से सैकडों लोग नौकरी की आस में है। लेकिन अफसर फैसला ही नहीं कर पा रहे।
बेसिक शिक्षक भर्ती पर शिक्षा विभाग का असमंजस बेरोजगारों पर भारी पड़ रहा है। डेढ़ महीने से भर्ती की फाइल निदेशालय, सचिवालय और न्याय विभाग के बीच चक्कर काट रही है। लेकिन अफसर फैसला ही नहीं कर पा रहे।
तीन साल पहले शुरू हुई यह भर्ती पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से अधर में लटकी है। बेरोजगारों का कहना है कि वर्ष 2020 से सैकडों लोग नौकरी की आस में है। सरकार को चाहिए कि कोर्ट के आदेश और विभागीय सेवा नियमावली को ध्यान में रखते हुए जल्द निर्णय लें।
यह है मामला: नौ नवंबर 2020 को सरकार ने बेसिक शिक्षक के 2678 पदों पर भर्ती निकाली थी। 1800 पदों पर भर्ती हो ही पाई थी कि एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षितों ने भी उन्हें भर्ती में शामिल होने का मौका देने की मांग उठा दी। यह मामला लंबे समय तक कोर्ट में चला। 28 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एआईओएस को बेसिक शिक्षक के पद के लिए पात्र न मानने का आदेश किया।
राज्य के बेसिक शिक्षक भर्ती की नियमावली में बीएड-टीईटी को बेसिक शिक्षक पद के लिए मान्य किया है। सुप्रीम कोर्ट का 11 अगस्त का फैसला राजस्थान की भर्ती के संबंध में था। भर्ती शुरू होने में देरी से बेरोजगार बेहद परेशान हैं। सरकार को जल्द निर्णय लेकर कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।
अरविंद राना, प्रवक्ता, बीएड टीईटी प्रशिक्षित शिक्षक महासंघ
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश् के परिप्रेक्ष्य में शासन से दिशानिर्देश आवश्यक हैं। शासन स्तर पर न्याय विभाग से राय ली जा रही है। जैसे ही दिशानिर्देश प्राप्त होंगे, तत्काल भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
रामकृष्ण उनियाल, बेसिक शिक्षा निदेशक
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