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उत्तराखंड में मसालों की जांच के आदेश; एमडीएच, एवरेस्ट पर सवाल के बाद सख्ती

उत्तराखंड में एमडीएच और एवरेस्ट मसाला की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तो नहीं है लेकिन इसके अलावा ब्रांडों की 50 से अधिक यूनिट हैं। इन सभी के उत्पादों की सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया गया है।

Devesh Mishra हिन्दुस्तान, देहरादूनThu, 2 May 2024 06:44 AM
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उत्तराखंड में निर्मित होने वाले सभी खाद्य मसालों की जांच होगी। आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ.आर राजेश कुमार की ओर से बुधवार को इसके आदेश किए गए। एमडीएच और एवरेस्ट मसालों को लेकर कई देशों में सवाल खड़े हुए हैं। इस पर केंद्र सरकार ने मसालों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को मसालों की जांच के निर्देश दिए थे। अब राज्य सरकार ने राज्य में निर्मित होने वाले सभी मसाला कंपनियों के उत्पादों की जांच के आदेश दिए हैं।

आयुक्त की ओर से सभी जिलों के खाद्य संरक्षा अधिकारियों को मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में जाकर अलग-अलग मसालों की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। डॉ.आर राजेश कुमार ने बताया कि मसालों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने के बाद राज्य भर में मसालों की जांच कराई जा रही है।

एक-दो दिन में शुरू होगा सैंपलिंग का काम
उत्तराखंड में एमडीएच और एवरेस्ट मसाला की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तो नहीं है लेकिन इसके अलावा प्रयोग में लाए जाने वाले अन्य मसाला ब्रांडों की 50 से अधिक यूनिट हैं। इन सभी के उत्पादों की सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया गया है। खाद्य संरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले एक-दो दिन में सभी मसाला उत्पादन यूनिटों में सैंपलिंग का काम शुरू होगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिछले साल मसालों के 13 सैंपल मिले थे सब स्टैंडर्ड
राज्य में पिछले साल मसालों के कुल 133 सैंपल लिए गए थे। जिसमें 13 की रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड पाई गई थी। अधिकारियों ने बताया कि जिन उत्पादों के सैंपल फेल पाए गए हैं उनके खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर वाद दायर किए गए हैं। इसके अलावा विभाग ने 233 के करीब स्थानों पर रेंडम सैंपलिंग भी कराई थी जिसमें एक दर्जन के करीब की रिपोर्ट मानकों के अनुसार नहीं पाई गई थी। जबकि कुछ की रिपोर्ट अभी आना बाकी है।

खाद्य पदार्थों में मिलावट बड़ी समस्या
खाद्य पदार्थों में मिलावट एक बड़ी समस्या है और इससे वजह से बड़ी संख्या को बीमारियों का सामना करना पड़ता है। खाद्य संरक्षा विभाग हर साल मिलावट को रोकने के लिए प्रयास करता है। लेकिन इसके बावजूद मिलावट के मामलों में पूरी तरह नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। बाजारों में त्यौहारों के समय बिकने वाली मिठाइयों में मिलावट की सबसे अधिक आशंका होती है। ऐसे में डॉक्टर त्यौहारी सीजन में बाजार में बनी मिठाइयों को खाने से परहेज की सलाह देते हैं। बाजार में बिक रहे कई दूध व डेरी प्रोडक्ट को लेकर भी आशंका जताई जाती रही हैं। हालांकि खाद्य सरंक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मिलावट को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। 

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