Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Since the age of 21 fake degrees were sold across country many secrets were revealed in the STF investigation

21 साल की उम्र से ही देशभर में बेचीं फर्जी डिग्रियां, एसटीएफ जांच में खुले कई राज

एसटीएफ के हत्थे चढ़े आरोपी इम्लाख खान ने विभिन्न कोर्सों की फर्जी डिग्रियां देशभर में बेचीं। वह मुजफ्फरनगर की शहर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है। उसके खिलाफ यूपी-उत्तराखंड में 11 मुकदमे दर्ज हैं।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, कार्यालय संवाददाता, Sat, 4 Feb 2023 09:47 AM
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एसटीएफ के हत्थे चढ़े आरोपी इम्लाख खान ने विभिन्न कोर्सों की फर्जी डिग्रियां देशभर में बेचीं। वह मुजफ्फरनगर की शहर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है। उसके खिलाफ यूपी-उत्तराखंड में 11 मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी ने उत्तराखंड के करीब 100 लोगों को बीएएमएस की फर्जी डिग्रियां बेचीं और भारतीय चिकित्सा परिषद में इनका पंजीकरण भी करवाया।

आरोपी 21 साल की उम्र से फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचने का खेल कर रहा था। उसने इस काली कमाई से 108 बीघा जमीन पर बाबा ग्रुप कॉलेज खड़ा किया। सीओ एसटीएफ नरेंद्र पंत ने बताया कि इम्लाख पर डिग्री फर्जीवाड़े का पहला केस 2008 में सिविल लाइन थाना मुजफ्फरनगर में दर्ज हुआ।

आरोपी ने यूपी के साथ ही विभिन्न राज्यों के लोगों को फर्जी मेडिकल डिग्रियां और शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर बेचे। यूपी में ही उसके खिलाफ 10 मुकदमे हैं। आरोपी ने 2008 में मुजफ्फरनगर में हाईस्कूल भी खोला। आरोपी इम्लाख और पूर्व में गिरफ्तार उसके भाई इमरान के कॉलेज में फार्मेसी के विभिन्न कोर्स कराए जाते हैं।

आरोपी ने  लोगों को राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक की फर्जी डिग्री आठ लाख में बेची। देशभर के संस्थानों के दस्तावेज बरामद: इम्लाख को लेकर एसटीएफ मुजफ्फरनगर स्थित कॉलेज भी गई। वहां से उसकी निशानदेही पर बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए।

देहरादून जिला पुलिस के अफसर नाराज
आरोपी पर बीते सोमवार को डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने ईनाम रखा था। उन्होंने एसआईटी के साथ एसओजी को कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन, आरोपी की गिरफ्तारी में बाजी एसटीएफ के हाथ लगी। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी की गिरफ्तारी में पिछड़ने पर जिला पुलिस के अफसरों ने अपनी टीम पर नाराजगी भी जाहिर की। खैर, अभी जिला पुलिस के पास इस मुकदमे में फरार 29 डॉक्टरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी है। इन पर अभी ईनाम घोषित नहीं किया गया है।

इम्लाख ने खुद भी कराया उत्तराखंड में पंजीकरण
 गिरफ्तार इम्लाख ने खुद भी  बीएएमएस की फर्जी डिग्री ली। इसके जरिए उसने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में अपना भी पंजीकरण कराया। यह पंजीकरण प्रमाण पत्र एसटीएफ ने आरोपी की निशानदेही पर बरामद कर लिया है। आरोपी ने जिन लोगों को बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेची, उन्हें झांसे में लेने के लिए यह प्रमाण पत्र दिखाया था। इम्लाख के   नाम जारी राजीव गांधी विवि एवं हेल्थ साइंस कर्नाटक की बीएएमएस की डिग्री, प्रोविजनल डिग्री और अंकपत्र, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ का  इम्लाख के नाम 2005 का कॉमर्स स्नातक का प्रमाण पत्र और अंक पत्र  भी मिले। 

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