Notification Icon
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़sexual exploitation minor disabled girl students Administration blind Nainital Police action

नाबालिग दिव्यांग छात्राओं के यौन शोषण में ‘अंधा’ बना रहा प्रशासन, नैनीताल पुलिस का अब ऐक्शन 

उत्तराखंड के इस शहर में एक ऐसा मामले का खुलासा हुआ है कि हर कोई दंग रह गया है। नाबालिग दिव्यांग छात्राओं के यौन शोषण मामले में पुलिस ने संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Himanshu Kumar Lall हल्द्वानी। पुष्कर अधिकारी, Sun, 15 Oct 2023 12:18 PM
share Share

उत्तराखंड के इस शहर में एक ऐसा मामले का खुलासा हुआ है कि हर कोई दंग रह गया है। नाबालिग दिव्यांग छात्राओं के यौन शोषण मामले में पुलिस ने संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हैरानी की बात है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद इस मामले में त्वरित कारवाई नहीं हो सकी। 

यह शर्मनाक मामला नैनीताल में सामने आया है। नैनीताल जिले के काठगोदाम थाना क्षेत्र स्थित मूक-बधिर और दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था में मासूमों के साथ हुए यौन शोषण के खुलासे ने सबको झकझोर दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि बोलने, सुनने और देखने में प्राकृतिक रूप से असमर्थ मासूम बच्चों ने तो शिकायत की लेकिन जिम्मेदार शासन-प्रशासन जानबूझकर अंधा, बहरा और गूंगा बना रहा।

यदि एक मासूम ने हिम्मत दिखाकर डाक से शिकायत न होती तो शायद ये मामला कभी खुल ही नहीं पाता? ये आलम तब है जबकि हर कोई वीआईपी बनकर संस्था की सैर करता रहा, लेकिन संस्था संचालक की शर्मनाक हरकतों पर किसी की नजर नहीं पड़ी। बीते शुक्रवार को संस्था के संचालक श्याम सिंह धानक निवासी दमुवाढूंगा बंदोबस्ती, हल्द्वानी के मासूम के यौन शोषण की घटना के खुलासे ने हर किसी को आश्चर्य में डाल दिया।

संस्था में रहकर मूक बधिर एवं दृष्टि बाधित 113 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। सभी की उम्र 18 साल से कम है। वहीं, पुलिस बच्चों के बयान दर्ज करने में जुटी है। पुलिस आवासीय संस्था के संचालक की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। संस्था के कई कर्मचारी पुलिस के रडार पर आ गए हैं।

डाक से मिले पत्र ने पकड़वाया आरोपी
पुलिस सूत्रों की मानें तो एसएसपी को डाक के जरिए यह शिकायती पत्र मिला। इसमें संस्था की एक दिव्यांग बालिका ने अपनी पीड़ा लिखी थी। साथ ही इसी तरह की दो और छात्राओं के यौन शोषण की बात लिखी थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो परतें खुलती गईं। पुलिस के सामने आरोपी की सच्चाई आई। अब तो यहां पर कई अन्य मासूमों ने भी आरोपी संचालक के कारनामों का खुलासा किया है।

मंत्री-विधायकों के साथ ही पहुंचते हैं अधिकारी
संस्था के निरीक्षण व निगरानी की बात की जाए तो पुलिस व प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। छह माह में कई बार मंत्री से लेकर विधायक तक संस्था में पहुंचे, पर इतना भरोसा भी नहीं जता पाए कि बच्चों से उनका हाल जान पाते।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय मंत्री से लेकर महिला आयोग से भी कई लोग यहां पहुंचे। इसके बावजूद आज तक किसी को नाबालिग बच्चों के साथ ऐसी शर्मनाक हरकतों की भनक तक नहीं लगी। विभागीय अधिकारी भी यहां वीआईपी मूवमेंट के समय ही पहुंचते हैं। इसके बाद नहीं देखा जाता कि संस्था में क्या चल रहा है।

डेढ़ महीने तक फाइलों में घूमती रही जांच
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संस्था संचालक की यह शिकायत करीब डेढ़-दो माह पहले पुलिस से की गई थी। यह शिकायती पत्र डाक से पुलिस को मिला। मामला गंभीर व पत्र संदिग्ध, मामले की जांच खुफिया विभाग को सौंप दी । जांच पूरी हुई तो फिर सीओ जांच में जुट गए। मामले में जांच होती रही और फाइल घूमती रही।

इसी बीच जिले में नए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की नियुक्ति हुई और उनकी जानकारी में ये मामला आया। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस एक्शन मोड में आई। एसएसपी ने एक टीम बनाकर मामले की गहराई से जांच में लगाई। टीम की जांच में शिकायत पुष्ट होते ही आरोपी संस्था संचालक धानक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था के संचालक की गिरफ्तारी के बाद अन्य कुछ लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। संस्था के बच्चों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जैसे ही मामले में कोई अन्य आरोपी की संलिप्तता पाई जाएगी, तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी।
प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी, नैनीताल

संचालक की अफसरों, नेताओं में गहरी पैठ
काठगोदाम थाना क्षेत्र में मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों के लिए चलाई जा रही आवासीय संस्था के आरोपी संचालक श्याम सिंह धानक की प्रदेश के बड़े नेताओं और अफसरों में गहरी पैठ थी। इसी कारण हर बार मासूमों की आवाज दबती रही। हालांकि, एसएसपी प्राद नारायण मीणा की जांच से संचालक नहीं बच सका। शनिवार को कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी संचालक को जेल भेज दिया है।

अब संस्था में रह रहे 113 बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।बताया जा रहा है कि आरोपी बच्चों की मदद के नाम पर लाखों रुपये ऐंठता था। यही नहीं नेता हो या अफसर अक्सर अपने परिवार की खुशियां आवासीय संस्था में रहने वाले बच्चों के बीच बांटने आते थे। लोग क्षमता के अनुसार मदद भी करते थे।

संस्था के संचालक श्याम सिंह धानक को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है। मामले की जांच जारी है, जल्द अन्य बच्चों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
प्रमोद पाठक, एसओ काठगोदाम

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें