कोरोना इफेक्ट:डिग्री कॉलेजों का शैक्षिक कैलेंडर बिगड़ा,सेशनल परीक्षा न होने से मुश्किल में दो लाख छात्र
कोरोनाकाल में प्रदेश के डिग्री कॉलेजों का शैक्षिक कैलेंडर बुरी तरह प्रभावित हो गया है। दिसंबर माह तक विश्वविद्यालयों की स्तर से अभी सेशनल परीक्षाओं की पहल नहीं हुई है। सेशनल न होने से सेमेस्टर...
कोरोनाकाल में प्रदेश के डिग्री कॉलेजों का शैक्षिक कैलेंडर बुरी तरह प्रभावित हो गया है। दिसंबर माह तक विश्वविद्यालयों की स्तर से अभी सेशनल परीक्षाओं की पहल नहीं हुई है। सेशनल न होने से सेमेस्टर परीक्षाएं भी नहीं हो पाएंगी।
प्रदेश के आधे कॉलेज अब सेमेस्टर सिस्टम अपना चुके हैं, जिसमें कॉलेज शुरू होने के दो माह के भीतर सेशनल परीक्षाएं जरूरी होती हैं। स्नातक स्तर पर 30 और स्नातकोत्तर स्तर पर इसके 40 अंक होते हैं।
जो सेमेस्टर के अंकों में जुड़ते हैं। लेकिन इस बार दिसंबर प्रथम सप्ताह बाद भी कॉलेज पिछले साल के रिजल्ट जारी करने और नई कक्षाओं के प्रवेश में ही जुटे हुए हैं। इस कारण जिन कक्षाओं में ऑनलाइन पढ़ाई चल भी रही है वहां इन परीक्षाओं का इंतजार है।
हालांकि यूनिवर्सिटी स्तर या विभाग के स्तर से अभी इसको लेकर कोई पहल नजर नहीं आ रही है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रशांत सिंह के मुताबिक सत्र में भले ही देरी हो गई हो लेकिन शासन और यूनिवर्सिटी को इसके लिए विधिवत कार्यक्रम जारी करना चाहिए।
छह महीने पीछे हुआ सत्र: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी के मुताबिक इस बार कोविड के कारण पूरा शैक्षिक सत्र ही पिछड़ गया है। अब कॉलेजों में एक बार विधिवत पढ़ाई शुरू हो तो फिर पीछे ही सही सेशनल परीक्षाएं तो करानी होगी।
फिर इसी के बाद सैमेस्टर परीक्षाएं होंगी। प्रो. ध्यानी के मुताबिक इसकी भरपाई आगे के शैक्षिक सत्र में हो सकती है। इधर, संयुक्त निदेशक डॉ. पीके पाठक के मुताबिक कॉलेजों में कुछ जगह ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है।
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