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RTO के अफसरों को नहीं पता-कितने हैं टैक्स डिफॉल्टर  ! 

कितने मोटर मालिक, वाहनों का टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं, इसकी जानकारी आरटीओ के अफसरों को नहीं है। परिवहन सचिव की फटकार के बाद आरटीओ दफ्तर में डिफॉल्टरों की कुंडली खंगाली जा रही है। हालांकि, परिवहन...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Sat, 24 July 2021 11:43 AM
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कितने मोटर मालिक, वाहनों का टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं, इसकी जानकारी आरटीओ के अफसरों को नहीं है। परिवहन सचिव की फटकार के बाद आरटीओ दफ्तर में डिफॉल्टरों की कुंडली खंगाली जा रही है। हालांकि, परिवहन सेवा वेबसाइट पर 50 हजार से ज्यादा डिफॉल्टरों की संख्या दिख रही है, लेकिन अफसरों का कहना है कि यह आंकड़ा सही नहीं है। आरटीओ दफ्तर में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों का टैक्स हर तीन महीने में जमा होता है। समय पर टैक्स जमा नहीं करने वाले डिफॉल्टर की श्रेणी में डाले जाते हैं। नोटिस भेजने के बाद भी टैक्स जमा नहीं करने पर आरसी काटी जाती है। गुरुवार को जब परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा ने निरीक्षण किया तो अफसर ऐसी जानकारी नहीं दे सके।

डिफॉल्टरों की सूची जल्द तैयार होगी
एआरटीओ (प्रशासन) द्वारिका प्रसाद का कहना है कि डिफॉल्टरों की सही संख्या अभी हमारे पास नहीं है। ऑनलाइन साइट पर जो संख्या दिख रही है, उसमें कुछ ऐसे वाहन हैं, जिनका टैक्स जमा है और कई ऐसे भी वाहन हैं, जिनकी आरसी कट चुकी है। डिफॉल्टरों की सूची जल्द तैयार हो जाएगी। 

1500 को नोटिस, 500 की आरसी काटी गई
एआरटीओ ने कहा कि डिफॉल्टरों की छंटनी की जा रही है। इस साल अब तक हम 1500 डिफॉल्टरों को नोटिस भेज चुके हैं। जबकि 500 डिफॉल्टरों की आरसी काट चुके हैं। इसमें बस, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो, रिक्शा समेत कई कॉमर्शियल वाहन हैं। सभी डिफॉल्टरों की सूची बनाकर प्रवर्तन दलों को दी जाएगी। 

आरटीओ दफ्तर में नहीं सुधर रहीं व्यवस्थाएं 
परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा के औचक निरीक्षण के बाद भी आरटीओ दफ्तर में व्यवस्थाएं सुधरती नजर नहीं आ रही हैं। शुक्रवार को जब आरटीओ दफ्तर खुला तो कुछ देर बाद बारिश शुरू हो गई। बारिश के बचने के लिए तीन डॉगी सीधे आरटीओ दफ्तर के अंदर घुस गए। बारिश खत्म होने तक डॉगी आरटीओ दफ्तर के अंदर रहे। जब परिवहन सचिव ने दफ्तर पर छापा मारा था तो वह भी दंग रह गए थे। वे यहां तक गए कि ‘यह आरटीओ दफ्तर है या कबूरखाना’। उन्होंने यह भी चेताया कि जल्द दोबारा निरीक्षण करेंगे, लेकिन आरटीओ दफ्तर की हालत नहीं सुधरी। इधर, अफसर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं।  

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