तीसरे दिन भी नहीं खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे, लोग परेशान; यमकेश्वर के 20 घरों में आईं मोटी दरार
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे तीसरे दिन भी नहीं खुल पाया। हिंडोलाखाल के पास हाईवे क्षतिग्रस्त होने से यातायात शुरू होने में समय लगेगा। जबकि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार को भारी वाहनों की आवाजाही भी शुरू
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे तीसरे दिन भी नहीं खुल पाया है। हिंडोलाखाल के पास हाईवे क्षतिग्रस्त होने से यातायात शुरू होने में समय लगेगा। जबकि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार को भारी वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। दूसरी ओर ऋषिकेश-नीलकंठ मोटर मार्ग भी वाहनों के लिये खुल गया है। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर तीसरे दिन भी वाहन नहीं चल पाये हैं। हिंडोलाखाल के पास हाईवे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से दिक्कत आ रही है।
हाईवे की मरम्मत में अभी समय लग सकता है। हांलाकि बीआरओ हाईवे की मरम्मत में जुटा है। तीन दिनों से रोड बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार से भारी वाहनों का संचालन भी शुरू करवा दिया गया है। बीती बुधवार शाम 4.30 बजे बदरीनाथ हाईवे खुलने पर दोपहर बाद छोटे वाहनों का संचालन ही हो पाया।
गुरुवार को गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण टिहरी-उत्तरकाशी आने-जाने वाले वाहनों को ऋषिकेश-देवप्रयाग-खाड़ी-चंबा होकर भेजा गया। भारी बारिश के चलते दोनों हाईवे हर दिन बाधित हो रहे हैं। एनएच श्रीनगर के अवर अभियंता जगमोहन मेहरा ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सामान्य हो गया है। जबकि गंगोत्री हाईवे पर हिंडोलाखाल के पास दिक्कत चल रही है। हाईवे खोलने में बीआरओ जुटा है। दूसरी ओर ऋषिकेश-नीलकंठ मोटरमार्ग पर गुरुवार सुबह वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।
यमकेश्वर ब्लॉक में 20 घरों पर खतरा
मूसलाधार बारिश से यमकेश्वर ब्लॉक के आमड़ी गांव में हालात खराब हो गए हैं। भूस्खलन के चलते गांव के करीब 35 में से 20 परिवारों के घरों को खतरा पैदा हो गया है। यहां लोगों के घरों, आंगन और दीवारों पर मोटी दरारें नजर आने लगी हैं। यमकेश्वर में आमड़ी के तल्ली व मल्ली तोक गांव के ग्रामीण कृष्ण किशोर, बलराम कपरूवान, नंद किशोर, गौरव कपरूवान सहित 20 परिवारों के घर के नीचे बुनियाद की मिट्टी धंसने से मकान के फर्श व आंगन फट गए हैं। जबकि दीवारों पर मोटी दरारें आ गई हैं।
इनमें पूर्णी देवी के मकान का अधिक धंसाव होने से उन्हें पंचायत घर में ठहराया गया है। इसके अलावा गांव के लगभग 20 नाली खेत पूरी तरह से भूस्खलन की जद में आकर खराब हो गए हैं। जबकि क्षेत्र की 400 से 500 मीटर पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। ग्रामीण धनंजय कपरूवान ने बताया कि हम लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में हैं, जो घर खतरे की जद में है उसके निवासियों को पंचायतघर में रखा जा रहा है। डीएम पौड़ी आशीष चौहान का कहना है कि क्षतिग्रस्त सड़क और पेयजल लाइन की मरम्मत करने के लिए कहा गया है।
चंद्रभागा बरसाती नदी से आबादी को खतरा बढ़ा
चंद्रभागा बरसाती नदी से तटीय आबादी को खतरा पैदा हो गया है। नदी का तल ढालवाला और ऋषिकेश के तटीय इलाकों तक पहुंचने से उफान में लोग सहम जा रहे हैं। नदी की बाढ़ से सरकारी संपत्तियों और लोगों को बचाने के लिए सिंचाई विभाग हरकत में आया है। विभाग ने पोकलैंड मशीन से नदी में खुदाई कर तल को गहरा करना शुरू कर दिया है। मशीन से नदी का रुख भी आबादी से दूसरी ओर मोड़ा जा रहा है। चारधाम यात्रा ट्रांजिट एवं पंजीकरण की हाल ही में बनी सड़क को भी चंद्रभागा नदी का उफान क्षतिग्रस्त कर चुका है। गंगोत्री हाईवे का पुल भी नदी के कटाव से खतरे की जद में है।
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