कोरोना इफेक्ट: 50 लोगों को रोजगार देने वाला गाइड खुद तोड़ रहा पत्थर
50 लोगों को रोजगार देने वाले मुनस्यारी के प्रसिद्ध पर्यटक गाइड गंगाराम कोरोना की मार में खुद पत्थर तोड़ने को मजबूर हैं। सालाना 8से 10लाख कमाने वाले इंसान को पत्थर तोड़कर अपना परिवार पालना पड़ रहा...
50 लोगों को रोजगार देने वाले मुनस्यारी के प्रसिद्ध पर्यटक गाइड गंगाराम कोरोना की मार में खुद पत्थर तोड़ने को मजबूर हैं। सालाना 8से 10लाख कमाने वाले इंसान को पत्थर तोड़कर अपना परिवार पालना पड़ रहा है। मुनस्यारी में अधिकतर लोगों की आजीविका पर्यटन से जुड़ी है, कोरोना से इस बार पर्यटन कारोबार चौपट है। मुनस्यारी के प्रसिद्ध गाइडों में शुमार गंगा राम हमेशा ही पर्यटकों की पहली पसंद रहते हैं।
उन्होंने पोनी, पोर्टर, कुक समेत 50 लोगों की टीम बनाई थी, जो विदेशी पर्यटकों के लिए खाने की व्यवस्था और उन्हें घुमाने का काम करते थे। इस कारोबार से गंगाराम 8 से 10 लाख और उनके सहयोगी 4 से 5 लाख सालाना कमा लेते थे। कोरोना के चलते पूरी टीम बेरोजगार है, गंगा को गुजारा करने के लिए पत्थर भी तोड़ने पड़ रहे हैं।
नंदा देवी ग्लेशियर से मौत को मात देकर वापस लौटे थे गंगाराम
मुनस्यारी। नामी गाइडों में शुमार गंगा राम पिछले वर्ष प्रसिद्ध पर्वतारोही मार्टिन मोरिन सहित आठ सदस्यीय विदेशी पर्वतारोहियों के साथ नंदा देवी ग्लेशियर गए थे। आठों विदेशी पर्यटकों की ग्लेशियर में दबने से मौत हो गई। यह घटना भारत ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय रही थी। गंगाराम इतनी बढ़ी घटना के बाद भी मौत को मात देकर सकुशल वापस लौटे थे।
ये भी जाने: गाइड गंगाराम नंदा देवी, मिलम, रालम, ब्रिजगंगा, लांग स्टाप काल, त्रिशूली, हरदेव, पंचाचूली, राजरंभा, आदि चोटियों पर जा चुके हैं।
एक करोड़ का कारोबार
मुनस्यारी। यहां की प्राकृतिक सुंरदरता का आनंद लेने हर वर्ष 70से 80 हजार देशी और विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटकों की आवाजाही से ही यहां के अधिकांश लोगों की आजीविका जुड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष यहां एक करोड़ से अधिक का पर्यटन कारोबार होता है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह आंकड़ा शून्य से आगे नहीं बढ़ सका है।
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