रेलवे स्टेशन का नाम संस्कृत से हटा उर्दू में लिखने पर विरोध
रेलवे स्टेशन का नाम साइन बोर्डों पर उर्दू भाषा की जगह संस्कृत में लिखने और फिर इसे हटाकर उर्दू में लिखने पर रेलवे अफसर सवालों में आ गए हैं। इसके विरोध में बुधवार को संस्कृत महाविद्यालय शिक्षक संघ ने...
रेलवे स्टेशन का नाम साइन बोर्डों पर उर्दू भाषा की जगह संस्कृत में लिखने और फिर इसे हटाकर उर्दू में लिखने पर रेलवे अफसर सवालों में आ गए हैं। इसके विरोध में बुधवार को संस्कृत महाविद्यालय शिक्षक संघ ने स्टेशन निदेशक को ज्ञापन दिया। रेलवे स्टेशन के साइन बोर्डों पर संस्कृत में नाम हटाए जाने के विरोध में संस्कृत महाविद्यालय शिक्षक संघ और अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति पदाधिकारियों ने स्टेशन निदेशक को ज्ञापन दिया। दोनों संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि अगर दो दिन के अंदर स्टेशन पर लगे साइन बोर्डों पर संस्कृत भाषा में देहरादून का नाम नहीं लिखा तो संस्कृत शिक्षक संघ स्वयं लिखेगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामभूषण बिजल्वाण और ब्राह्मण सेवा समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा ने स्टेशन निदेशक को ज्ञापन दिया।
प्रशासन को लिखा
स्टेशन निदेशक ने कहा कि राज्य की द्वितीय भाषा में स्टेशन का नाम लिखा जा सकता है। संस्कृत में नाम उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। इसका जवाब नहीं मिला है। ऐसे में तय नहीं कि संस्कृत में नाम कैसे लिखा जाना है। हालांकि, उन्होंने उर्दू से नाम हटाए जाने की बात से इनकार किया। स्टेशन निदेशक से मिलने वालों में सुमित रंजन शर्मा, रोहित, अनुराग, मुकेश खंडूरी, रामप्रसाद थपलियाल, चंद्रकांत, नवीन भट्ट शामिल रहे।
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