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चिंताजनक: फीस न देने पर रोजाना सौ रुपये जुर्माना वसूल रहे हैं स्कूल

बाल अधिकार संरक्षण आयोग के वेबिनार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने फीस संबंधी शिकायतों की जानकारी दी। हरिद्वार के सीईओ ने बताया कि अभी तक 28 शिकायतें मिल चुकी हैं। फीस जमा नहीं करने पर कुछ स्कूल...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Thu, 30 July 2020 02:42 PM
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बाल अधिकार संरक्षण आयोग के वेबिनार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने फीस संबंधी शिकायतों की जानकारी दी। हरिद्वार के सीईओ ने बताया कि अभी तक 28 शिकायतें मिल चुकी हैं। फीस जमा नहीं करने पर कुछ स्कूल अभिभावकों से 100 रुपये प्रतिदिन पेनाल्टी वसूल रहे हैं। 

बुधवार को हुए इस वेबिनार में उत्तराखंड अभिभावक संघ, आईसीएसआई, सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध विद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। वेबिनार का शुभारंभ आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने किया।  उन्होंने बोर्ड परीक्षा में सफल छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को बधाई दी।

कहा कि कोरोनाकाल में शिक्षा की बेहतरी के लिए इस तरह के संवाद जरूरी हैं। हरिद्वार के सीईओ आंनद भारद्वाज ने बताया कि जिले में फीस से संबंधी 28 शिकायतें अभी मिल चुकी हैं। कुछ स्कूल फीस जमा नहीं करने पर अभिभावकों पर प्रतिदिन 100 रुपये जुर्माना लगा रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर व्हाट्सएप पर सिर्फ फोटो खींचकर भेजी जा रही है। 

केजी और नर्सरी के बच्चों को 30 मिनट की ऑनलाइन क्लास  चलाकर 3500 रुपये प्रतिमाह फीस ली जा रही है। कुछ स्कूल ऐसे भी जिन्होंने 30 से 40 फीसदी फीस खुद कम कर दी है। आरटीई की मान्यता नहीं लिए जाने पर विभाग दो स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये की पेनाल्टी लगा चुका है और फीस के मामले में भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

चमोली के सीईओ ललित चमोला ने कहा कि जिले में फीस संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली। चंपावत के सीईओ आरसी पुरोहित ने भी फीस संबंधी शिकायत नहीं मिलने की बात कही। बताया कि जिले में कुछ स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले रहे हैं। देहरादून की सीईओ आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ हैं वह अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को आवेदन दें।

कार्यवाही नहीं होने पर विभागीय कार्यालय में शिकायत करें। जो स्कूल ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं, उनकी ट्यूशन फीस अवश्य दें। वेबिनार में अभिभावक वाणी कपिल और सचिन पांडेय ने कहा कि वह ऑनलाइन शिक्षा से संतुष्ट हैं। अभिभावक संघ के अध्यक्ष राम कुमार सिंघल ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा में अभी कई  दिक्कतें हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधा नहीं है। पेरेंट्स और स्कूलों के बीच संवाद जरूरी है। वेबिनार में तय हुआ कि अगले सप्ताह फिर वेबिनार होगा, जिसमें एक हजार प्रतिभागियों को जोड़ा जाएगा।


 

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