कोरोना: प्रसव के लिए पहुंची महिला को वायरस की जांच के लिए दौड़ाया,कंटेनमेंट क्षेत्र की समझकर जांच के लिए भेजा
लापरवाही 1 कोरोना:गर्भवती को वायरस की जांच के लिए दौड़ाया जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची गर्भवती को कंटेनमेंट क्षेत्र (सील इलाका) की समझकर चिकित्सकों ने कोरोना टेस्ट के लिए आइसोलेशन...
लापरवाही 1 कोरोना:गर्भवती को वायरस की जांच के लिए दौड़ाया
जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची गर्भवती को कंटेनमेंट क्षेत्र (सील इलाका) की समझकर चिकित्सकों ने कोरोना टेस्ट के लिए आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया। जबकि महिला किसी और इलाके की थी। आइसोलेशन सेंटर में जांच की सुविधा न होने की बात कहते हुए महिला को लौटा दिया गया। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते चिलचिलाती धूप में करीब तीन घंटे तक महिला जांच के लिए भटकती रही।
गुरुवार को ज्वालापुर के घोसियान निवासी परवेज आलम अपनी 24 वर्षीय पत्नी शादिया को प्रसव के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे। करीब दस बजे चिकित्सक ने महिला को ऑपरेशन के लिए लिख दिया। महिला को भर्ती करने से पहले सभी जरूरी टेस्ट करने के लिए उसके खून का सैंपल भी लिया गया। महिला को भर्ती करने की तमाम तैयारी हो चुकी थी।
पर इस बीच अचानक चिकित्सक ने गर्भवती को कोरोना की जांच भी लिख दी। चिकित्सक ने कहा कि इस जांच के बाद ही गर्भवती का ऑपरेशन किया जाएगा। अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने गर्भवती महिला को जांच के लिए ऋषिकुल स्थित आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया। तेज धूप के बीच किसी तरह से गर्भवती महिला का पति उसको लेकर आइसोलेशन सेंटर पहुंचा।
यहां कर्मचारियों ने जांच की सुविधा न होने की बात कही। करीब तीन घंटे तक भटकने के बाद महिला और उसका पति ज्वालापुर के एक निजी क्लीनिक में पहुंचे। वहां चिकित्सक ने बताया कि उसकी पत्नी की कोरोना जांच लिखी गई है। जब कहीं जांच नहीं हुई तो गर्भवती महिला घर लौट गई।
कंटेनमेंट जोन की गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच के लिए शासन ने आदेश दिया है। लेकिन अस्पताल के स्टाफ को आदेश की पूरी जानकारी नहीं है। आगे से असमंजस की स्थिति पैदा न हो, इसलिए हॉटस्पॉट की सूची मंगाई गई है। महिला को भर्ती किया जा रहा है।
डॉ. शिखा जंगपांगी, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
लापरवाही 3: बाहर से आए लोग सीधे भेजे जा रहे घर
हरिद्वार। दूसरे प्रदेशों से हरिद्वार लौट रहे लोग स्वास्थ्य विभाग के साथ आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इन लोगों को क्वारंटाइन किए बगैर सीधा घर भेजा जा रहा है। लेकिन ये लोग अब कोरोना जांच के लिए मेला अस्पताल स्थित कोविड-19 सेंटर के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में अगर इनमें से कोई संक्रमित हुआ तो प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संक्रमण को रोकने की कवायद पर पानी फिर सकता है।
बीते बुधवार को यूपी से लौटे चार लोग जांच के लिए मेला अस्पताल कोविड-19 सेंटर पहुंचे। इसमें गाजियाबाद से लौटा दंपति अपने पांच वर्ष के बच्चे के साथ कोरोना की जांच कराने पहुंचे थे। वहीं नोएडा से लौटा युवक भी जांच के लिए पहुंचा था। असल में स्थानीय लोगों और कई बार परिजनों के दबाव के चलते बाहर से लौटे लोग कोरोना जांच कराने के लिए मजबूर हैं।
ऐसे में पुलिस प्रशासन को राज्य सीमा पर ही स्क्रीनिंग के बाद इन लोगों को क्वारंटाइन करना चाहिए। लेकिन अब यह लोग कोरोना जांच के लिए अस्पतालों में घूम रहे हैं। हालांकि इस मामले में जिला अस्पताल के पीएमएस और कोविड-19 सेंटर के प्रभारी राजेश गुप्ता के निर्देश पर चारों लोगों के सैंपल लिए गए। इसके बाद इन लोगों को संयुक्त चिकित्सालय रुड़की के आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया।
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