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युवाओं के सपनों पर ब्रेक लगा रहे बिना मान्यता के कॉलेज,रजिस्ट्रेशन नहीं-डिग्रियां हुईं बेकार

देश भर में बिना मान्यता के संचालित हो रहे कई पैरामेडिकल कॉलेज युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मेडिकल फैकल्टी की मान्यता न होने से यहां पढ़ने वाले युवाओं की डिग्री बेकार साबित हो रही है। इससे...

Himanshu Kumar Lall मुख्य संवाददाता, देहरादून, Sun, 24 Oct 2021 10:50 AM
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देश भर में बिना मान्यता के संचालित हो रहे कई पैरामेडिकल कॉलेज युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मेडिकल फैकल्टी की मान्यता न होने से यहां पढ़ने वाले युवाओं की डिग्री बेकार साबित हो रही है। इससे युवाओं के नौकरी के सपने भी चकनाचूर हो रहे हैं। देश भर में एलोपैथी पैरामेडिकल के डिग्री कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी, डिप्लोमा कोर्स चलाने वाले कॉलेजों के लिए पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकरण जरूरी है।

लेकिन कई राज्यों में बिना मान्यता के ही दर्जनों कॉलेज चल रहे हैं। युवाओं को कई बार इन कॉलेजों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती और युवा कॉलेजों के फेर में फंस रहे हैं। उत्तराखंड मेडिकल फैकल्टी में ही सैकड़ों की संख्या में ऐसे युवा पहुंच रहे हैं। मेडिकल फैकल्टी युवाओं का पंजीकरण करने से पहले कॉलेजों का सत्यापन कराती है लेकिन वहां इन कॉलेजों का नाम नहीं होता।

मेडिकल फैकल्टी ने युवाओं से की अपील
उत्तराखंड मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ राजन ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा ऐसे ऐसे कॉलेजों से कोर्स करके पहुंच रहे हैं जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं। ऐसे में इन युवाओ का राज्य की स्टेट मेडिकल फैकल्टी में पंजीकरण नहीं किया जा सकता। उन्होंने युवाओं से कोर्स करने से पहले कॉलेज की पूरी पड़ताल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि युवा कॉलेज की जानकारी के लिए फैकल्टी से भी संपर्क कर सकते हैं।

साल भर से भटक रहे युवा
दिल्ली के एक कॉलेज से एक्सरे का कोर्स करने वाले युवा रमेश सकलानी ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये की फीस देकर डिग्री ली। लेकिन अब उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इसी तरह रेडियोग्राफी का कोर्स करने वाले अरविंद कुमार भी पंजीकरण न होने से परेशान है। उन्होंने मध्यप्रदेश के एक कॉलेज से कोर्स किया लेकिन अब पंजीकरण न होने से वह परेशान हैं।

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