उत्तराखंड में नया आंदोलन, 10 पर्वतीय जिलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग
यूपी से अलग होकर राज्य बने उत्तराखंड में अब एक नया आंदोलन जन्म ले रहा है। पहाड़ के युवाओं ने यूपी के मैदानी क्षेत्रों को उत्तराखंड में मिलाने के बजाय पहाड़ी जिलों का पृथक राज्य बनाने की मांग उठाई है।...
यूपी से अलग होकर राज्य बने उत्तराखंड में अब एक नया आंदोलन जन्म ले रहा है। पहाड़ के युवाओं ने यूपी के मैदानी क्षेत्रों को उत्तराखंड में मिलाने के बजाय पहाड़ी जिलों का पृथक राज्य बनाने की मांग उठाई है। कहा कि 10 पर्वतीय जिलों को मिलाकर सिक्किम की तर्ज पर उत्तराखंड से पृथक राज्य बनाया जाए। इसकी राजधानी गैरसैंण बनाई जाए। इससे विकास से कोसों दूर चल रहे पहाड़ी जिलों का विकास हो सके। नया राज्य बनने से सिक्किम जैसा खुशहाल होगा।
श्रीनगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं शोध छात्र नवीन प्रकाश नौटियाल ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-कांग्रेस सरकार ने मात्र पहाड़ के नाम पर केन्द्र सरकार से वित्त लेती है, किंतु ये सरकार हमेशा ही मैदानी क्षेत्रों की बात करती आई है। सीएम ने अब गैरसैंण राजधानी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए प्रदेश में सहारनपुर को मिलाने का बेवजह बयान दिया है। नौटियाल ने उत्तराखंड राज्य के 10 जिले पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत को मिलाकर अलग राज्य गठन कर गैरसैंण राजधानी घोषित करनी चाहिए।
देहरादून, यूएसनगर, हरिद्वार मैदानी जिलों की अलग राजधानी बनाए। जिससे सिक्किम की भांति उत्तराखंड राज्य का छोटा प्रदेश बने और स्थायी राजधानी गैरसैण बन सके। नौटियाल ने कहा कि 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या 1 करोड़ 11 लाख 6752 है। यदि हरिद्वार, यूएसनगर और देहरादून जनपद हटते है तो 70 लाख की जनसंख्या वाला अलग प्रदेश बन सकता है। सिक्किम राज्य की जनसंख्या 61 लाख के करीब है। प्रेस वार्ता में छात्रसंघ उपाध्यक्ष अजय पुंडीर, विमल चौकियाल, राजेन्द्र कुमार, शंकर चौहान, संजय घिल्डियाल, सुरेश रावत आदि मौजूद थे।
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