Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Make sure to contribute in nation building by doing self reflection every day: sridev suman university Vice Chancellor Dr Dhyani

हर दिन आत्म चिन्तन कर राष्ट्र निर्माण में योगदान सुनिष्चित करें: कुलपति डॉ.  ध्यानी

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीताम्बर प्रसाद ध्यानी द्वारा 73वें गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय में ध्वजारोहण किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के समस्त...

Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून, Wed, 26 Jan 2022 04:48 PM
share Share

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीताम्बर प्रसाद ध्यानी द्वारा 73वें गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय में ध्वजारोहण किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कुलपति डा ध्यानी ने सर्वप्रथम विष्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। राष्ट्रीय पर्व के इस शुभ अवसर पर डा ध्यानी ने सभी को अवगत कराया कि आज का दिन 02 बातों के लिये अति महत्वपूर्ण है, पहला स्वतन्त्रता प्राप्ति के इतिहास को स्मरण करने का और दूसरा अपनी विरासत, उपलब्धियों और ताकत को प्रदर्षित करने का।

उन्होने अवगत कराया कि जब हम स्वतन्त्रता के इतिहास को स्मरण करने की बात करते हैं, तो उसमें स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और वीर अमर शहीदोें का अमूल्य योगदान रहा है जिसे हम कभी भी भुला नही सकते। इन महान विभूतियों में क्या साहस था, क्या वीरता थी और कैसे पूरी दुनिया को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अहिंसा का पाठ पढ़ाया। डा0 ध्यानी ने कहा कि आज हमारे गौरव का प्रतीक ’तिरंगा’ आजादी के इतिहास को बयाँ करता है। इसमें सबसे उपर गहरा केसरिया रंग हमे अपने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के साहस की, बीच में सफेद रंग हमें अपने राष्ट्रपिता के शान्ति सन्देष की और नीचे हरा रंग हम्हें अपने वीर अमर शहीदों की वीरता की याद दिलाता है।

और हमारे राष्ट्र ध्वज के तीन रंग साहस, वीरता और शान्ति को प्रदर्षित कर हम्हे हमेषा प्रोत्साहित और गौरवान्वित करते हैं। डा0 ध्यानी ने कहा कि आज पूरे विष्व में एक मात्र हमारा ’तिरंगा’ ही है जो अपनी आजादी के इतिहास को बयाँ करता है। हमें ससम्मान पूर्वक राष्ट्र की महान दिवंगत विभूतियों को श्रदंाजलि अर्पित करने का मौका देता है। डा0 ध्यानी ने कहा कि वह अपने जीवन में अत्यन्त गौरवान्वित हुए है, जब उन्होने राष्ट्रीय पर्वो के शुभ अवसरों पर 18 बार राष्ट्रीय ध्वज को फहराया है। डा ध्यानी ने कहा कि जब हम बात करते हैं अपनी विरासत, उपलब्धियों और ताकत को प्रदर्षित करने की, तो हम और भी गौरवान्वित हो जाते हैं।

हम भारतीयों ने आजादी के बाद अपनी विरासत का संरक्षण एवं सम्बर्धन बहुत ही सफलतापूर्वक किया है, अपनी उपलब्धियों से पूरी दुनिया को चौंकाया है, और अपनी ताकत से पूरे विष्व को अपना लोहा मनवाया है।  आज चाहे परमाणु उर्जा का क्षेत्र हो, मिषाइल टैक्नोलाजी का क्षेत्र हो, अन्तरिक्ष विज्ञान का क्षेत्र हो, चाहे कृर्षि का क्षेत्र हो, हमने बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। आज हमारा राष्ट्र एक अर्थिक शक्ति, एक सैन्य शक्ति और एक ज्ञान शक्ति के रूप में पूरी दुनिया में अपनी वैष्विक पहचान बना चुका है।

अगर हम आर्थिक शक्ति की बात करें तो आज पूरी दुनिया में हम वैष्विक खाद्य सुरक्षा सुनिष्चिम करने में अहम योगदान दे रहे हैं, हम गेहू और धान उत्पादन में पूरी दुनिया में दूसरें पायदान पर हैं।  साथ ही साथ, विष्व में बुनियादी ढांचे का विकास करने में भी हमारा महत्वपूर्ण योगदान रहा है, आज हमारा राष्ट्र सीमेन्ट उत्पादन में पूरे विष्व में द्वितीय पायदान पर है। अगर हम सैन्य शक्ति की बात करें, तो आज हम पूरी दुनिया में चौथे पायदान पर है, और अगर हम ज्ञान शक्ति की बात करें तो आज पूरी दुनिया में हम ग्रेज्यूयेट्स तैयार करने में एवं मोबाइल ब्रांड बैंड डाटा का प्रयोग करने में पूरे विष्व में पहले पायदान पर हैं, इन्जीनियरस एवं वैज्ञानिकों की उपलब्धता में भी हम पूरे विष्व में दूसरे स्थान पर है।

उच्च षिक्षा प्रणाली में दुनिया के सबसे बडे़ 03 देषों में हमारा राष्ट्र शामिल है। डा0 ध्यानी ने यह भी अवगत कराया कि पूरी दुनिया में आज भारत ही एक मात्र ऐसा देष है जो आजादी के बाद न्याय, समता और बन्धुत्व की ओर तीव्र गति से बढ़ा है, जिसकी और जिसके गणतन्त्र की आज पूरी दुनिया में सर्वत्र प्रषंसा की जाती है। इस शुभ अवसर पर कुलपति डा0 ध्यानी ने विष्वविद्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी क्षमतानुसार कार्य करने हेतु भी प्रोत्साहित किया कि वे अपने विष्वविद्यालय, अपने समाज और राष्ट्र निर्माण में, अपनी अपनी क्षमतानुसार, अपना बहुमूल्य योगदान देना सुनिष्चित करें।

वे हर दिन सोने से पहले आत्म चिन्तन भी करें कि उन्होने दिन में किये कार्यो को ठीक ढंग से किया है कि नही, क्या वे अपने द्वारा दिन में किये गये कार्यो से पूर्ण रूपेण संतुष्ट हैं। यदि दिन में किये गये कार्यो से वे आत्म संतुष्ट हो जाते हैं तो उन्हे गौरवान्वित होना चाहिए। यदि दिन में किये कार्यो से वे आत्मसंतुष्ट नही होते हैं, तो दूसरे दिन उन कार्यो को भी वे अवष्य करें, यहि मूल मन्त्र हम सभी का राष्ट्र निर्माण में योगदान सुनिष्चित करेगा। कुलसचिव डा0 एम0 एस0 पंवार, परीक्षा नियंत्रक डा0 एम0 एस0रावत, उपकुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, सहायक परीक्षा नियंत्रक डा0 हेमन्त बिष्ट व बीर लाल, प्र0 प्रषासन सुनील नौटियाल, कुलदीप सिंह नेगी , अभिषेक भण्डारी, अमित, रविन्द्र कुमार, अर्जुन, राहुल आदि उपिस्थत रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें