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कुंभ हरिद्वार 2021:महानिर्वाणी के नागाओं ने तोड़ा रिकॉर्ड, सन्यासियों को देखने विदेशी सहित स्थानीय लोग जुटे, देखें Photos

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में चल रहे कुंभ हरिद्वार-2021 के दौरान अखाडों की पेशवाई में नागा सन्यासियों का अपना ही महत्व रहता आया है। इन नागा बाबाओं को देखने भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरते...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, हरिद्वार, Mon, 8 March 2021 02:42 PM
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उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में चल रहे कुंभ हरिद्वार-2021 के दौरान अखाडों की पेशवाई में नागा सन्यासियों का अपना ही महत्व रहता आया है। इन नागा बाबाओं को देखने भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरते हैं लेकिन पंचायती महानिर्वाणी अखाडे से पहले निकली तमाम पेशवाई में न के बराबर नागा सन्यासियों के होने से लोगों को मायूसी ही हाथ लगी, लेकिन महानिर्वाणी अखाडे में जुटी नागाओं सन्यासियों की भीड़ ने लोगों की यह मायूसी दूर कर दी। सोमवार को कनखल स्थित दक्ष मंदिर से निकली श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई में नागा सन्यासी आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे। अब तक की पेशवाईयों में भव्यता और दिव्यता तो देखने को मिली लेकिन नागाओं की जमात न के बराबर थी, लेकिन महानिर्वाणी अखाड़े में सत्तर से आधिक नागाओं की मौजूदगी ने पेशवाई की भव्यता को काफी बढ़ा दिया। तन पर भस्म और हाथों में त्रिशूल, तलवार, भाले और छड़ी लिए नागा बम बम भोले के जयकारों से पेशवाई में समा बांधते नजर आए। सड़क किनारे खड़े लोग जगह जगह इन नागा सन्यासियों से आशीर्वाद लेते नजर आए। निरंजनी, आनंद, जूना, अग्नि और आह्वाहन अखाडों की पेशवाई में नागाओं सन्यासियों की जिस संख्या की उम्मीद की जा रही थी वह देखने को नहीं मिली, हालांकि जूना अखाडे की पेशवाई में किन्नर अखाडे की मौजूदगी ने समा बांध दिया था। नागाओं की फौज किसी भी पेशवाई और अखाडे की ताकत को बयां करती है। 

महानिर्वाणी पेशवाई में दिखा विदेशी रंग
सोमवार को निकली श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई में योगा इन डेली लाइफ संस्था के संस्थापक महामंडलेश्वर महेश्वरानंद पुरी अपने 30 शिष्यों के साथ अखाडे की पेशवाई का हिस्सा बनने हरिद्वार पहुंचे। रथ पर सवार होकर अपने शिष्यों से घिरे इस विदेशी संत की मंडली को देखने के लिए लोगों की भीड़ जगह जगह जुटी नजर आयी। महामंडलेश्वर महेश्वरानंद पूरी का कहना है कि पूरे यूरोप, नीटरलैंड, फिजी सहित बार्क देशों में कई आश्रम हैं जहां वे योग का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य देशों से अब लोग वास्तविक योग की खोज में भारत लौट रहे हैं। भारत से ही योग का प्रादुर्भाव हुआ और एक बार फिर विश्व मे भारत ही योग पताका फहरा रहा है। क्रोएशिया यूरोप से आई रागिनी देवी का कहना है कि वे अपने गुरु के साथ विभिन्न देशों से हरिद्वार कुंभ में पहुंचे हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम।कुंभ मेले का हिस्सा बन रहे हैं। बीते 14 सालों से वे लगातार भारत आती रही हैं यह उनका सौभाग्य है कि वे विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले में हैं। यहाँ से दिए जाने वाले भाईचारे के संदेश को वे इसी तरह पूरे विश्व मे फैलाएंगी।

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