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‘विद्या भारती’ हर बार जानिए कैसे बनता है नंबर वन, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट में फिर लहराया परचम; ये हैं पांच मंत्र

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का परिणाम आज सोमवार छह जून को घोषित किया गया। विद्या भारती संगठन अपने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पांच बुनियादों सूत्रों पर सतत रूप से काम करता है।

Himanshu Kumar Lall देहरादून। चंद्रशेखर बुड़ाकोटी, Mon, 6 June 2022 08:15 PM
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उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट में इस बार भी विद्या भारती के छात्रों को परचम लहरा रहा है। हाईस्कूल और इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 छात्रों की लिस्ट में विद्याभारती के छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह पहली बार नहीं है, बल्कि हर बोर्ड रिजल्ट में विद्याभारती के छात्र ही छाए रहते हैं और इसकी एक वजह भी है।

विद्या भारती संगठन अपने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पांच बुनियादों सूत्रों पर सतत रूप से काम करता है। यही पांच सूत्र विद्याभारती के छात्रों की कामयाबी की वजह भी हैं।  विद्याभारती के प्रदेश संगठन मंत्री भुवन  कहते हैं आचार्यों का शिक्षा और संस्कार सृजन के प्रति समर्पण तो सर्वोपरि है। इसके बाद कुछ अहम बातें हैं, जिन पर सतत रूप से अमल किया जाता है। 

विद्या भारती के पांच मंत्र:
-प्रधानाचार्य सम्मेलन मे हर साल का शैक्षिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियों का कैलेंडर तय कर दिया जाता है। इस कैलेंडर के अनुसार ही सभी गतिविधियों पर अनवरत काम किया जाता है।
- विद्याभारती के विद्यालयों के आचार्यों का समर्पण सबसे महत्वूर्ण है। विद्यालय और विद्यालय के बाद भी आचार्य गण अपने छात्रों के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए प्रयास रहते हैं।
- प्रत्येक छात्र के अभिभावक से हर पंद्रहवे दिन आचार्य गण अनिवार्य रूप से मुलाकात करते हैं। उनके साथ छात्र के शैक्षिक विकास, उसकी अच्छाइयों और कमियों पर गंभीरता से चर्चा की जाती है और समाधान भी तलाशे जाते हैं।
- हर वर्ष कक्षा पांच और कक्षा आठवीं के छात्रों की एक विशिष्ट प्रकार की मेधावी परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा के आधार पर छात्र के भावी शैक्षिक विकास, अभिरुचियों का आकलन हो जाता है। हर छात्र पर इस परीक्षा के परिणाम के अनुसार मेहनत की जाती है।
- हालिया पांच साल से शिक्षा के बदलते स्वरूप, वर्तमान समय की आवश्यकताओं को देखते हुए आचार्यों के लिए प्रशिक्षण की संख्या बढ़ाई गई है। आचार्यगण को शिक्षा में आ रहे बदलाव के प्रति अपडेट रखा जाता और नई विधाओं की सतत जानकारी दी जाती है।

विद्याभारती संगठन महज शिक्षण संस्थान भर नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र सेवा का मिशन है। इस मिशन से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति किसी समयावधि में बंधकर काम नहीं करता। बल्कि 24 घंटे समर्पित भाव से कार्य करता है। यही विद्याभारती के छात्रों की कामयाबी की वजह है।
भुवन, प्रांतीय संगठन मंत्री-विद्याभारती

 

टॉपर में 45 फीसदी विद्या भारती के छात्र
विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक डॉ० विजयपाल सिंह ने बताया कि आज घोषित हुए उत्तराखण्ड बोर्ड की दसवीं व बारहवी की वरीयता सूची में 40 से 45 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के सरस्वती विद्या मन्दिरों के छात्र-छात्राओं के प्राप्त किये है। जबकि बोर्ड की दसवी की परीक्षा में बैठे कुल छात्रों में विद्या भारती के छात्रों का प्रतिशत मात्र 6 प्रतिशत है।

इण्टमीडिएट में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर हरिद्वार की दीया राजपूत ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। कहा कि उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती से संबद्ध 633 विद्यालय हैं, जिनमें लगभग 140 माध्यमिक विद्यालय है। उत्तराखण्ड बोर्ड की परीक्षा में परम्परागत रूप से विद्या भारती के विद्यालय श्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे है। उसी कम को दोहराते हुए 2022 की कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा में विद्या भारती के विद्यालयों के 8211 छात्र परीक्षा मे सम्मलित हुए।

बोर्ड द्वारा घोषित 134 टॉप 25 विद्यार्थीयों में 60 विद्यार्थी विद्या भारती के विद्यालयों के है। कक्षा-12 विद्या भारती के विद्यार्थीयों ने 45 प्रतिशत मैरिट पर कब्जा किया है इसी प्रकार कक्षा-12 (इण्टमीडिएट) में विद्या भारती से संबद्ध विद्यालयों के कुल 6727 विद्यार्थी सम्मलित हुए और बोर्ड द्वारा घोषित की गई टॉप 25 की वरियता सूची में 33 स्थानों पर विद्या भारती के विद्यार्थीयों ने जगह बनाई है।

इस प्रकार इण्टरमीडिएट की वरीयता सूची में 40 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के होनहारों को मिले है। विद्या भारती के प्रदेश मंत्री डॉ० रजनीकान्त शुक्ल ने बताया कि कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में कुल एक लाख उनतीस हजार सात सौ अटठतर विद्यार्थी बैठे जिनमें केवल 8211 विद्यार्थी विद्या भारती के विद्यालयों के थे।

जबकि कक्षा 12 में बैठे कुल एक लाख तेरह हजार एक सौ चौसठ छात्रों में विद्या भारती की कुल संख्या 6727 थी। इस प्रकार विद्या भारती के 6 प्रतिशत बच्चों ने कक्षा-10 में 45 प्रतिशत तथा कक्षा-12 में 6 प्रतिशत बच्चों ने 40 प्रतिशत वरीयता सूची अपने नाम की। कक्षा-12 में सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज मायापुर हरिद्वार की छात्रा दीया राजपूत ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला, विवेकानन्द विद्या मन्दिर मण्डलसेरा।

बागेश्वर के सुमित सिंह मेहता तथा सरस्वती विद्या मन्दिर जसपुर के दर्शित चौहान ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उधर कक्षा-10 के टॉप-10 में विवेकानन्द विद्या मन्दिर मण्डलसेरा, बागेश्वर की रबीना कोरंगा ने प्रदेश में तीसरा तथा नगरस्वती विद्या मन्दिर इ०का० चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की समीक्षा व स०वि०म० बेलनी रुद्रप्रयाग के नितिन बिष्ट ने छठा स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में सातवें, आठवें, नये तथा दसवें स्थान पर भी विद्या भारती के विद्यार्थीयों का नाम है।

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