केदारनाथ के गौरीकुंड में भारी भूस्खलन से 19 लोगों की मौत का डर; 2 शव मिले
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड के पास भूस्खलन के कारण मंदाकिनी नदी में तीन दुकानें बह गईं। जिसमें 19 लोगों की मौत हौने की आशंका है। प्रशासन ने एक सूची जारी की है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद एक दर्जन से लोग लापता हो गए हैं। अभी तक दो शव बरामद किए गए हैं। अन्य लोगों की तलाश जारी है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड के पास भूस्खलन के कारण मंदाकिनी नदी में तीन दुकानें बह गईं। हादसे में 19 लोगों की मौत की आशंका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। घटना डाट पुलिया पर गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12.15 बजे हुई। रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) नंदन सिंह रजवार ने कहा, 'गौरीकुंड के पास भूस्खलन की वजह से तीन दुकानों के नदी में बहने से 19 लोग लापता हो गए हैं।'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मी बचाव और खोज अभियान चला रहे हैं। राजवार ने कहा कि लापता लोगों का तीर्थयात्री नहीं, बल्कि दुकानदार होने का शक है। इसी बीच, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने 18 लोगों की सूची जारी की है जिनके नदी में बहने की आशंका है।
इनकी पहचान जनाई निवासी आशु (23), तिलवाड़ा निवासी प्रियांशु चमोली (18), बस्ती निवासी रणबीर सिंह (28), खानवा भरतपुर निवासी विनोद (26), मुलायम (26) के रूप में हुई है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी, और नेपाली परिवार के सात सदस्य - अमर बोहरा (29), पत्नी अनीता बोहरा (26), और पांच बच्चे राधिका बोहरा (14), पिंकी बोहरा (8), पृथ्वी (7), जटिल ( 6), वकील (3), वीर बहादुर, सुमित्रा, निशा, धर्मराज, चंद्रकामी, और सुखराम रावत के तौर पर हुई है।
एसडीआरएफ अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन की सूचना के बाद उनकी टीम मौके पर पहुंची और बचाव एवं खोज अभियान शुरू कर दिया। लेकिन लगातार बारिश और बोल्डर गिरने के कारण इसे रोकना पड़ा। एसडीआरएफ की मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा, 'शुक्रवार सुबह, हमने लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए ऑपरेशन फिर से शुरू किया।' उन्होंने कहा कि उनकी एक टीम कुंड बैराज पर भी तलाशी अभियान चला रही है, जो घटनास्थल से दो किमी नीचे की ओर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गौरीकुंड हादसे का जायजा लेने देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गौरीकुंड में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया जाना चाहिए और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
धामी ने कहा कि भूस्खलन जोन में संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास बनी इमारतों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को भी अन्य स्थानों पर ले जाया जाना चाहिए। सीएम ने कहा, 'गौरीकुंड घटना में लापता लोगों की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उनके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य आधिकारिक टीमें मौके पर मौजूद हैं। सरकार, स्थानीय प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।' पिछले 24 घंटों में (शुक्रवार सुबह 8.30 बजे आईएमडी द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार), उत्तराखंड में 20.4 मिमी बारिश हुई, जिसमें 46 प्रतिशत की सकारात्मक गिरावट दर्ज की गई। जबकि रुद्रप्रयाग जिला, जहां गौरी कुंड स्थित है, में 23.7 मिमी बारिश हुई।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।