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Chandra Grahan 2023: चंद्रग्रहण सूतक में बंद होंगे केदारनाथ-बदरीनाथ, हरिद्वार के मंदिर, जानिए कब खुलेंगे कपाट  

Chandra Grahan 2023: चंद्र गहण 2023 का असर देश में भी देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण में सूतक काल की वजह से बदरीनाथ, केदारनाथ चारों धामों के मंदिरों के कपाट बंद होंगे । हरिद्वार के मंदिर भी बंद होंगे।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान, Sat, 28 Oct 2023 09:52 AM
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Chandra Grahan 2023: चंद्र गहण 2023 का असर देश में भी देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण में सूतक काल की वजह से बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। श्री बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर 28 अक्तूबर को चंद्र ग्रहण सूतक के कारण अपराह्न चार बजे ही बंद हो जाएंगे।

हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी स्थित मंदिरों में भी सूतक काल का असर देखने को मिलेगा। रविवार को शुद्धिकरण के बाद मंदिर खोले जाएंगे। रविवार को तय समय पर ही पूजा अर्चना होगी। अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिर भी शनिवार को चार बजे बंद हो जाएंगे।

ग्रहण काल का समय रात एक बजकर चार मिनट है। नौ घंटे पहले सूतककाल प्रारंभ होने के कारण मंदिरों को चार बजे बंद किया जाएगा। 29 अक्टूबर रविवार को सुबह शुद्धिकरण के बाद मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुलेंगे। महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित सभी प्रात: कालीन पूजाएं अपने नियत समय पर ही होंगी।

श्री बदरीनाथ मंदिर में 11 बजे पूर्वाह्न राजभोग लगेगा। मंदिर सफाई के लिए दोपहर बजे तक बंद रहेगा। दोबारा मंदिर अपराह्न दो बजे खुलेगा। अपराह्न दो बजकर 10 मिनट पर सांयकालीन आरती होगी। साढ़े तीन बजे शयन आरती के बाद शाम चार बजे श्री बदरीनाथ मंदिर बंद हो जाएगा।

श्री केदारनाथ मंदिर में 28 अक्टूबर को सुबह रुद्राभिषेक और अन्य पूजाएं संपन्न होंगी। दिन में कुछ देर मंदिर बंद रहेगा। उसके बाद चार बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहेंगे। चार बजे सूतककाल मंदिर बंद होने के बाद 29 अक्तूबर को शुद्धिकरण के बाद दोबारा पूजा और दर्शन होंगे।

श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ के अधीनस्थ मंदिरों श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ समेत श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, योग बदरी पांडुकेश्वर, भविष्य बदरी तपोवन, श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर, श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, श्री कालीमठ मंदिर और पंच बदरी मंदिरों में ग्रहण के दौरान इसी तरह पूजा व्यवस्था रहेगी।

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