Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़kanwar yatra ganga water shortage in haridwar in sawan bathing is difficult due to silt

सावन के बीच हरिद्वार में गंगाजल की कमी, गाद की वजह से स्नान भी मुश्किल

सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा का भी आगाज हो गया है। हरिद्वार जिला प्रशासन का कहना है कि पहले दिन करीब चार लाख कांवड़ियों ने गंगाजल लिया। वहीं गाद की वजह से श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाए।

Sneha Baluni हिटी, हरिद्वार ऋषिकेशFri, 15 July 2022 07:33 AM
share Share

सावन का पावन महीना शुरू होते ही गुरुवार को मां गंगा के जयकारों के साथ कांवड़ यात्रा का भी आगाज हो गया। हरिद्वार जिला प्रशासन का दावा है कि पहले ही दिन करीब चार लाख कांवड़िये गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों को रवाना हुए। दूसरी ओर, गंगा में बड़ी मात्रा में गाद आने के बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने हरकी पैड़ी की तरफ आने वाले गंगा जल को रोक दिया। 

इस कारण हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर गंगा जल का संकट पैदा हो गया और स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ा। हालांकि, शाम को गाद घटने के बाद भीमगोड़ा बैराज का गेट खोल दिया गया। हरकी पैड़ी पर जिला प्रशासन के अधिकारियों और श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को गंगा आरती और गंगा मैया के जय उद्घोष के साथ कांवड़ मेले का शुभारंभ किया। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती ने बताया कि सावन माह के पहले दिन चार लाख कांवड़िये हरिद्वार पहुंचे।

घाटों पर गंगाजल की कमी से कांवड़िये मायूस

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण बुधवार को हरिद्वार में गंगा में गाद की मात्रा 7960 पीपीएम तक पहुंच गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने देर रात भीमगोड़ा बैराज से हरकी पैड़ी की ओर से खुलने वाले चैनल को बंद कर दिया। इस कारण गुरुवार को हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर गंगाजल इतना कम हो गया कि स्नान के लिए आए तमाम कांवड़िये डुबकी लगाने से वंचित रह गए। हालांकि बाद में सिल्ट की मात्रा कम होने पर शाम को गंगा जल की आपूर्ति सामान्य हो गई।

20 जुलाई के बाद बढ़ेगी भीड़

ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि शुक्रवार से पंचक लग जाएंगे। इसके चलते गुरुवार को कांवड़ियों की ज्यादा भीड़ रही। अब बीस जुलाई को पंचक खत्म होने के बाद एक बार फिर कांवड़ियों की संख्या में इजाफा होगा।

नीलकंठ में 50 हजार कांवड़ियों के पहुंचने का दावा

कांवड़ यात्रा के पहले दिन ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर में करीब 50 हजार कांवड़ियों द्वारा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का दावा किया गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के कारण मंदिर परिसर में चार लाइन लगानी पड़ीं। उधर, ऋषिकेश-हरिद्वार हाईवे पर भी पैदल और वाहनों पर सवार कांवड़ियों की भीड़ दिखनी शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'मैं भगवान शिव से सभी श्रद्धालुओं की सुखद और मंगलमय कांवड़ यात्रा की प्रार्थना करता हूं। सभी कांवड़ियों से अनुरोध है कि आजादी के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे ‘अमृत महोत्सव’ के मौके पर राष्ट्रध्वज तिरंगे को भी सम्मानपूर्वक कांवड़ यात्रा में शामिल करें। इस यात्रा को पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित करते हुए देवभूमि की धरा पर एक पौधा लगाने का संकल्प लें।'

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें