जोशीमठ: बारिश-बर्फबारी के बीच मकानों और खेतों में दरारें, दरारों से बढ़ी दहशत
जोशीमठ (Joshimath) में भारी बर्फबारी से मुश्किलें बढ़ गईं हैं । प्रभावितों के सामान खराब होने का खतरा भी बढ़ गया। गांधीनगर वार्ड की ललीता, सिंहधार के प्रकाश ने बताया कि बारिश बर्फबारी से सामान भीगा।
जोशीमठ (Joshimath) में भारी बर्फबारी से मुश्किलें बढ़ गईं हैं । प्रभावितों के सामान खराब होने का खतरा भी बढ़ गया। गांधीनगर वार्ड की ललीता, सिंहधार के प्रकाश ने बताया कि बारिश बर्फबारी से उनका घरों में रखा सामान भी भीग कर खराब हो रहा है। उधर, राहत सामाग्रियों का वितरण दिन भर जारी रहा।
प्रशासन की विविध टीमों वार्डवार सर्वे में लगी रही। वहीं औली में देर सांय तक डेढ फीट तो जोशीमठ नगर के शीर्ष में स्थित सुनील वार्ड एवं परसारी के टाप में आधा फीट बर्फ शुक्रवार को जम चुकी है। बाजार में 1 इंच एबदरीनाथ में 2 फीट, फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब में लगभग 3 फीट नई बर्फ जम चुकी है। दिनभर रुक.रुक कर बर्फबारी का दौर जारी रहा।
बर्फबारी के कारण जोशीमठ में आपदा राहत कार्य में भी बाधा पहुंच रही है बावजूद प्रशासन की विवधि टीमें सभी प्रभावित परिवारों तक आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटी रही। तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि प्रशासन की टीमें लगातार राहत शिविरों में जाकर लोगों का हाल.चाल जान रही हैं।
वहां पर सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बर्फबारी के बावजूद प्रशासन द्वारा बनाई गई टीमों ने पूरे दिन नगर के सभी भागों में डोर टू डोर सर्वे किया है। शुक्रवार को जोशीमठ के सभी राहत शिविरों में निशुल्क हीटर बांटे गए।
भवनों और खेतों में आ रही हैं दरारें
भारी बारिश और बर्फबारी के बीच नगर जोशीमठ में दरार आने का सिलसिला जारी है। सिंहधार वार्ड के विजयंत रावतए दरवान नैथवाल कहते हैं कि उनके घरों में और घर के ऊपर के खेतों में लगातार दरारें बढ़ रही हैं। कहते हैं कि प्रतिदिन खेत और सामने के नेशनल हाईवे में नई.नई दरारें आ रही हैं।
जोशीमठ के दुकान व्यवसायी खान चंद्र कहते हैं कि उनकी दुकान के ठीक सामने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के नीचे मुख्य सड़क में पिछले 10 दिनों से हर रोज नई.नई दरारें आने का सिलसिला जारी है। विजयन्त कहते हैं कि वे अपने परिवार को देहरादून शिफ्ट करने की सोंच ही रहे थे कि यह बर्फवारी हो गई।
मैं देवी का भक्त हूं, देवी को कहां ले जाऊं
चंद्र बल्लभ पांडे कहते हैं कि वे भुवनेश्वरी देवी के भक्त हैं और अपने मकान में उन्होंने देवी को स्थापित कर रखा है। क्षतिग्रस्त हुए मकान में भी वे अपनी जान जोखिम में डालकर दिन के दो बार अपनी देवी को पूजने आते है। वह कहते हैं कि उन्होंने अपने इस घर में देवी कोई स्थान देकर स्थापित कर रखा है इसलिए यूं ही अपनी देवी को यहां से बाहर नहीं ले जा सकते हैं।
कहते हैं कि वे कई बार प्रशासन से अनुरोध कर चुके हैं कि उनके रहने की स्थाई व्यवस्था कर दी जाए ताकि वह अपनअपनी देवी को भी विधि विधान से यहां से उस आशियाने में ले जा सके लेकिन अभी तक स्थाई ठिकाना क्या होगा उन्हें पता नहीं है।
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