जिम कॉर्बेट पार्क में पांच महीने के अंदर 5 बाघों की दर्दनाक मौत, उत्तराखंड में 10 बाघों की हुईं मौतें
विश्व प्रसिद्ध और सबसे सुरक्षित माने जाने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की मौत पर सवाल उठे हैं। पांच माह में कॉर्बेट में पांच बाघों की मौत हुई। उत्तराखंड में अब तक दस बाघों की मौत हुई।
विश्व प्रसिद्ध और सबसे सुरक्षित माने जाने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की मौत पर सवाल उठने लगे हैं। पिछले पांच माह में कॉर्बेट में पांच बाघों की मौत हुई। अब एक बाघिन के शिकारियों के लगाए फंदे में फंसने से गंभीर घायल होने के बाद पर्यावरण प्रेमियों और वन अफसरों की चिंता और बढ़ गई है।
एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार, इस साल उत्तराखंड में अब तक दस बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें से पांच तो अकेले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ही मरे हैं। कुछ दिन पहले पाखरो रेंज में एक बाघिन की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। अब एक और बाघिन के शिकार की कोशिश का मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। बाघिन कोर जोन में शिकारियों के लगाए फंदे में फंसकर गंभीर घायल हुई है।
इसका इलाज ढेला रेस्क्यू सेंटर में किया जा रहा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वन मुख्यालय ने बाघिन के तार में फंसने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि कॉर्बेट में बाघों की सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा पैसा हर साल मिलता है। जिसमें 10 से 15 करोड़ रुपये नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी से मिलता है। जबकि 4 से 8 करोड़ कॉर्बेट फाउंडेशन के जरिए हर साल मिलता है।
बाघिन के फंदे में फंसने का मामला अभी का नहीं है। उसको रेस्क्यू कर उसका इलाज किया जा रहा है। जहां तक मौतों का सवाल है तो ज्यादातर प्राकृतिक मौतें हैं।
धीरज पांडे, कॉर्बेट निदेशक
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