भारत-चीन बॉर्डर पर सर्दियों में भी पर्यटक कर सकेंगे सैर, बर्फबारी में 10 हजार फीट पर रोमांच का सफर
हिमाचल और जम्मू कश्मीर की तरह पर्यटक अब उत्तराखंड के उच्च हिमालयी पर्यटक स्थलों पर पर्यटक शीतकाल में भी आवाजाही कर सकेंगे। पर्यटन कारोबारियों ने भीषण सर्दी में पर्यटकों के स्वागत का फैेसला लिया।
हिमाचल और जम्मू कश्मीर की तरह पर्यटक अब उत्तराखंड के उच्च हिमालयी पर्यटक स्थलों पर पर्यटक शीतकाल में भी आवाजाही कर सकेंगे। होम स्टे संचालकों और पर्यटन कारोबारियों ने भीषण सर्दी के दिनों में भी यहां पर्यटकों का स्वागत करने का निर्णय लिया है।
ऐसे में पर्यटक भारत-चीन सीमा से सटे दारमा, व्यास, चौंदास घाटी के पर्यटन स्थलों पर पहली बार सर्दियों में आकर बर्फबारी देख सकेंगे। प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साहसिक पर्यटन की गतिविधियों का आनंद लेने का भी मौका मिलेगा।
हिम तेंदुए के साथ दुर्लभ उच्च हिमालयी वन्य जीवों के दीदार भी हो सकते हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में होम् स्टे संचालकों ने यह फैसला लिया है। आम तौर पर शीतकाल में बर्फबारी देखने के लिए पर्यटक हिमाचल और जम्मू कश्मीर की तरफ रुख करते हैं।
जबकि कुमाऊं में बर्फबारी के बाद तापमान माइनस में चले जाने से उच्च हिमालयी माइग्रेशन गांव जन शून्य हो जाते हैं। इस वजह से यहां शीतकाल में पर्यटन गतिविधियां लगभग बंद हो जाती हैं। पहली बार स्थानीय युवाओं की टीम ने बर्फबारी के बाद भी इन गांवों में रहकर पर्यटन कारोबार करने का निर्णय लिया है।
द मांउटेन राइड संस्था की पहल पर यहां शीतकालीन पर्यटन कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनाई गई है। इसके तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग की सुविधा रहेगी। अक्तूबर से जून तक 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों पर पर्यटक आसानी से रहकर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे।
दिखेंगे दुर्लभ नजारे
द माउंटेन राइड के अध्यक्ष जयेन्द्र फिरमाल कहते हैं, वह शीतकालीन पर्यटन कारोबार के साथ पर्यटकों को दुर्लभ वन्यजीव स्नो लेपर्ड, हिमालयन थार, ब्लू शीप के दीदार की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
यहां जा सकेंगे पर्यटक
स्थान समुद्र तल से ऊंचाई
दुग्तू 10500 फीट
दांतू 10600 फीट
फीलम 10900 फीट
बौन 11 हजार फीट
कई पर्यटकों की इच्छा
कारोबारियों के अनुसार, कई पर्यटकों ने उनसे यहां शीतकाल में आने की इच्छा जताई है। हिमाचल और जम्मू कश्मीर जाने वाले पर्यटकों के लिए यह पूरा क्षेत्र नया डेस्टिनेशन होगा।
शीतकालीन पर्यटन कारोबार बढ़ाने के लिए हमने पिछले साल कुछ पर्यटकों के लिए कैंप लगाकर प्रयोग किया था, जो सफल रहा। अब माइग्रेशन गांवों में होम स्टे पर्यटकों के लिए खुले रखे जाएंगे।
जयेन्द्र फिरमाल, अध्यक्ष द माउंटेन राइड संस्था धारचूला
ऐसी गतिविधियों से निश्चित ही दारमा के साथ इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन कारोबार बेहतर होगा। कारोबारियों को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। होम स्टे को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कीर्ति चन्द्र आर्य, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, पिथौरागढ़।
यहां शीतकालीन पर्यटन कारोबार की बेहतर संभावनाएं हैं। सड़क दारमा के मुख्य पर्यटक स्थलों तक पहुंचेगी तो उसके बाद संभावनाएं और बेहतर होंगी।
दिनेश सिंह बंग्याल, पर्यटन कारोबारी।
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