यह तो हद हो गई! नहीं बन रही HSRP नंबर प्लेट,वाहन मालिकों के कट रहे हैं चालान
प्रदेश के आरटीओ और एआरटीओ दफ्तर में दो महीने से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) का काम ठप है। जिस कंपनी के पास यह काम था, उसका अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन अभी तक किसी कंपनी को यह काम नहीं दिया।...
प्रदेश के आरटीओ और एआरटीओ दफ्तर में दो महीने से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) का काम ठप है। जिस कंपनी के पास यह काम था, उसका अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन अभी तक किसी कंपनी को यह काम नहीं दिया। परिवहन विभाग की लापरवाही का खामियाजा वाहन मालिक और ड्राइवरों को भुगतना पड़ रहा है।
प्लेट लगवाने के लिए लोग चक्कर काटने को मजबूर हैं, वहीं, दूसरी ओर एचएसआरपी नहीं होने पर धड़ाधड़ चालान किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में वाहनों में 2012 से एचआरपी लग रही है। 2016 से प्रदेश में एचएसआरपी जरूरी की गई। प्लेट लगाने का जिम्मा परिवहन विभाग ने एक निजी कंपनी को दिया था।
कंपनी का अनुबंध 23 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया था, लेकिन अभी तक ना तो कंपनी का अनुबंध बढ़ाया गया और ना ही नई कंपनी को काम दिया गया। वाहन मालिक और ड्राइवर प्लेट लगाने के लिए प्रदेश के आरटीओ और एआरटीओ दफ्तर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनको बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जिनको दूसरे राज्यों में जाना है। कई राज्यों में एचएसआरपी को लेकर सख्ती है और भारी जुर्माना भी है।
केस 1:प्रेमनगर निवासी रोहित पंवार ने बताया कि उनको अपनी बाइक में एचएसआरपी लगानी थी, लेकिन जब आरटीओ दफ्तर पहुंचे तो उनको बताया गया कि अभी प्लेटें नहीं लग रही हैं। मसूरी स्थित केंद्रीय संस्थान के ड्राइवर ने बताया कि उनको इनोवा वाहन में प्लेट लगानी थी। आरटीओ में उनको बताया गया कि प्लेट दस मार्च के बाद लगेगी।
केस 2:रिस्पना टैक्सी स्टैंड की एक टैक्सी टिहरी गई थी। एचएसआरपी नहीं होने पर टिहरी में पुलिस ने चालान कर दिया। अगले दिन ड्राइवर प्लेट लगवाने के लिए आरटीओ पहुंचा, लेकिन प्लेट नहीं लग पाई। कुछ दिन बाद देहरादून में पुलिस रोक दिया। ड्राइवर ने पुराना चालान दिखाया और बताया कि अभी प्लेट नहीं लग रही, तब जाकर पुलिस ने छोड़ा।
एचएसआरपी के फायदे
एचएसआरपी एल्यूमीनियम की बनी हुई प्लेट होती है। इसमें क्रोमियर आधारित होलोग्राम होता है। प्लेट में वाहन मालिक और वाहन का पूरा ब्यौरा कोड में दर्ज होता है। प्लेट के साथ छेड़छाड़ करना मुश्किल है। इस प्लेट की सहायता से वाहन को ट्रैक करना भी आसान है।
एक महीने में 335 वाहनों के चालान
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने पर प्रदेश भर में वाहनों के धड़ाधड़ चालान किए जा रहे हैं। देहरादून में जनवरी महीने में 335 वाहनों के चालान हुए हैं। इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब विभाग प्लेट नहीं लगवा पा रहा है, तो चालान क्यों कर रहा है?
वाहन ट्रांसफर कर दिए, प्लेट नहीं लग रही
कई लोग दूसरे राज्यों से प्रदेश के आरटीओ और एआरटीओ दफ्तरों में अपनी गाड़ी ट्रांसफर करवा चुके हैं। वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। उनको नया नंबर भी आवंटित कर दिया है, लेकिन नंबर प्लेट नहीं लग पा रही है। अकेले देहरादून आरटीओ दफ्तर में 700 लोग नंबर प्लेट लगाने का इंतजार कर रहे हैं।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया था। अब नये सिरे से अनुबंध होना है। लोगों को रही परेशानी के बारे में मुख्यालय को अवगत करवाया गया है। मुख्यालय स्तर से ही इसमें कार्यवाही होनी है।
द्वारिका प्रसाद, एआरटीओ (प्रशासन), देहरादून।
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