Kedarnath Disaster: केदारनाथ के रूट पर भारी भूस्खलन, आपदा में एक दर्जन लोग लापता; दुकानें भी बह गईं
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव पर गौरीकुंड में भीषण बारिश की वजह से आए भूस्खलन ने तबाही मचाई। पहाड़ का मलबा गिरने से कई दुकानें बह गईं। जिसमें 10-12 लोग लापता हो गए।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव पर गौरीकुंड में भीषण बारिश की वजह से आए भूस्खलन ने तबाही मचाई। पहाड़ का मलबा गिरने से कई दुकानें बह गईं। जिसमें 10-12 लोगों के बहने या दबने की आशंका है। इन्हें एसडीआरएफ तलाशने की कोशिश कर रही है। रुद्रप्रयाग आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक, भूस्खलन में 10 से 12 लोगों के दबने/बहने की आशंका है।
घटना गौरीकुंड डाट पुलिया के समीप बीती रात 1:30 बजे घटित हुई। देर रात भूस्खलन की वजह से दो दुकानें और एक खोखा बहने की सूचना मिली है। सेक्टर अधिकारी गौरीकुंड, एनडीआरफ, एसडीआरएफ मौके पर हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी और डीडीआरएफ टीम मुख्यालय उपकरण सहित घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। भारी बारिश एवं ऊपर से बोल्डर गिरने के कारण सर्च एवं रेस्क्यू कार्य को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है तथा सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं।
एसपी रुद्रप्रयाग डॉ विशाखा ने कहा, 'लापता लोगों की तलाश के लिए ऑपरेशन जारी है।' वहीं आपदा प्रबंधन अधिकारी दलीप सिंह राजवार ने एएनआई को बताया, 'हमें जानकारी मिली कि चट्टानें गिरने और भारी बारिश के कारण 3 दुकानें प्रभावित हुईं। तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया गया। ऐसा कहा गया था कि लगभग 10-12 लोग वहां मौजूद थे, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल पाया है।' गौरीकुंड, जिसका नाम देवी पार्वती के नाम पर रखा गया है, एक तीर्थ स्थल है और केदारनाथ मंदिर की यात्रा के बेस कैंप के रूप में काम करता है।
भारी बारिश की वजह से मंदाकिनी नदी उफान पर है। इसकी वजह से डाक पुलिस के सामने भूस्खलन हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त लोग दुकानों में सो रहे थे। रिपोर्ट के अुसार, लापता लोगों में नेपाली और स्थानीय निवासी शामिल हैं। आपदा दल ने देर रात ही रेक्स्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। हालांकि बारिश के कारण इसमें दिक्कत आ रही है। मौसम विभाग ने आज दिनभर रुद्रप्रयाग में भारी बारिश की संभावना जताई है।
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