Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Hate speech case: Yeti Narasimhanand begins dharna demanding release of Jitendra Tyagi alias Wasim Rizvi

हेट स्पीच केस: जितेंद्र उर्फ वसीम की रिहाई की मांग पर यति नरसिंहानंद का धरना शुरु

जेल से रिहा होने के तीन घंटे बाद ही जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर व धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य यती नरसिंहानंद गिरी ने जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई होने तक सर्वानंद घाट में धरना शुरु कर...

Shivendra Singh मुख्य संवाददाता, हरिद्वारThu, 17 Feb 2022 09:10 PM
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जेल से रिहा होने के तीन घंटे बाद ही जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर व धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य यती नरसिंहानंद गिरी ने जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई होने तक सर्वानंद घाट में धरना शुरु कर दिया। गुरुवार रात 8 बजे वह अन्य संतों के साथ धरने पर बैठे। बीते बुधवार को ही कोर्ट से यति नरसिंहानंद जमानत पर रिहा हुए थे। जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम 5 बजे यति नरसिंहानंद जेल से रिहा किए गए।

पिछले साल दिसंबर में तीन दिवसीय धर्म संसद में हेट स्पीच मामले ने देश व विदेश में भी खासा हंगामा खड़ा कर दिया था। हेट स्पीच मामले समेत सोशल मीडिया में अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में यती नरसिंहानंद गिरी पर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया गया था। सर्वानंद घाट पर धरने में बैठे यती नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वह जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई तक यहीं उनकी प्रतिक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करने का दंड वह भुगत रहे है। लेकिन इससे उनके मार्ग में कोई बाधा नहीं आएगी।

उन्होंने कहा कि धर्म संसद किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, यह बहुत बड़ी धर्म संसद थी और बहुत बड़ी तादाद में महात्माओं ने आकर अपने विचार रखे। और यदि कोई भी सोचता है कि केस दर्ज करवाकर हमे जेल भेजकर हमारी जुबान को बंद करवा देगा। तो यह उनकी गलतफहमी है। हम इस लड़ाई को आगे जारी रखेंगे। हमारा संघर्ष जेहादियों के खिलाफ है। उनके साथ धरने में अमृतानंद, संदीप जिंदल, अधीश कौशिक आदि शामिल रहे।

हरिद्वार में बीते दिसंबर माह में तीन दिवसीय धर्म संसद के बाद आयोजकों ने देश के अन्य राज्यों में भी धर्म संसद करने का ऐलान किया। इस दौरान पुलिस ने हेट स्पीच मामले में बीती 14 जनवरी को जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। तो उसी रात यति नरसिंहानंद गिरी सर्वानंद घाट में उनकी रिहाई को लेकर एक संत स्वामी अमृतानंद के साथ अनशन पर बैठ गए। दूसरे ही दिन 15 जनवरी की देर शाम को पुलिस ने अनशन स्थल से ही यति नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दो दिन तक सर्वानंद घाट में अनशन चलता रहा। अनशनरत संत स्वामी अमृतानंद की तबियत बिगड़ने पर अनशन समाप्त कर दिया गया। था।  

एसआईटी ने की जांच
हरिद्वार में हुई धर्म संसद में संप्रदाय विशेष के लोगों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों के मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को सौंपी गई थी। मामले में एक एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेष टीम ने मामले कीं जांच की थी।

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