हल्द्वानी हिंसा के बाद ऐक्शन, वनभूलपुरा के 127 आर्म्स लाइसेंस निलंबित
डीएम ने एसएसपी को 24 घंटे के भीतर सारे लाइसेंसी हथियारों को कब्जे में लिए जाने के निर्देश दिए हैं। अपर जिला मजिस्टेªट फिंचाराम चौहान ने बताया कि निजी लाइसेंसी शस्त्र का दुरुपयोग किया है।
हल्द्वानी हिंसा के बाद बाद पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। तो दूसरी ओर, हिंसा के बाद फरार लोगों की धड़पकड़ के लिए छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।
जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने वनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के 127 शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
मामले में डीएम ने एसएसपी को 24 घंटे के भीतर सारे लाइसेंसी हथियारों को कब्जे में लिए जाने के निर्देश दिए हैं। अपर जिला मजिस्टेªट फिंचाराम चौहान ने बताया कि वनभूलपुरा के स्थानीय निवासियों अपने निजी लाइसेंसी शस्त्रों का दुरूपयोग कर शस्त्र लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि वनभूलपुरा में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान शस्त्रों और अवैध हथियारों का उपयोग किया गया। जिससे सैकड़ों पुलिस व प्रशासन के कर्मचारी घायल हो गए थे।
भविष्य में सार्वजनिक सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटाये जाने का अभियान चलाये जाने पर लाइसेंसी शस्त्रों का दुरूपयोग किये जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने 120 शस्त्र लाइसेंसधारकों के 127 शस्त्र लाईसेंस को अग्रिम आदेशों तक निलंबित किया है।
उपद्रवी भाग गए, कमाने वाले फंस गए
हल्द्वानी के वनभूलपुरा में बवाल के बाद उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू हो गई है। वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर पुलिस पहचान कर रही है। बात ये भी सामने आ रही है कई उपद्रवी बवाल वाली रात को इंदिरानगर रेलवे फाटक से होते हुए भाग गए थे।
इसी रात को नौ बजे के आसपास प्रशासन ने पूरे हल्द्वानी शहर में कफ्र्यू लगा दिया। जिसके चलते वनभूलपुरा लाइन नंबर एक से 17 तक के बीच रहने वाले कई दिहाड़ी मजदूर और छोटी-मोटी दुकानें, फड़-ठेले चलाने वाले अपने घरों में ही कैद रह गए हैं।
इनमें से कई तो ऐसे हैं जिनकी रोजाना की कमाई से ही उनका परिवार पलता है। वनभूलपुरा के साथ-साथ शहर की मुख्य बाजार, ठंडी सड़क, वर्कशॉप लाइन, टीपी नगर आदि क्षेत्रों में वनभूलपुरा के हजारों लोग काम करते हैं। हालांकि, प्रशासन ने अब कफ्र्यू में ढील देनी शुरू कर दी है।
उम्मीद है आने वाले दिनों में कुछ राहत मिलेगी। सैलून का कारोबार प्रभावित: कालाढूंगी चौराहे पर रिजवान और सनी एक सैलून में काम करते हैं। कफ्र्यू के बाद से फिलहाल सैलून बंद हैं। दोनों वनभूलपुरा में रहते हैं और पाबंदी के कारण घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं। ऐसे में उनकी रोजी-रोटी पर भी संकट बना है।
दुकान की कमाई ही एकमात्र सहारा
वनभूलपुरा के लाइन नंबर 16 में मोबाइल एसेसरीज का कारोबार करने वाले नवाब की दुकान भी तीन दिन से बंद है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार का गुजारा इसी कमाई से होता है। कारोबार बंद होने से उन्हें रोजाना दो से तीन हजार का नुकसान हो रहा है।
रोजाना 1500 रुपये का नुकसान
कफ्र्यू वाले वर्कशॉप लाइन में ऑटोमोबाइल का बड़ा कारोबार होता है। यहां वनभूलपुरा क्षेत्र के सैकड़ों युवक काम करते हैं। शाकिर ने बताया कि दोपहिया वाहनों की सर्विस कर वे रोजाना 1500 रुपये तक की दिहाड़ी कमाते थे। फिलहाल कारोबार बंद है।
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