जीएसटी टीम ने देहरादून, हल्द्वानी समेत 7 शहरों में मारे ताबड़तोड़ छापे, 16 प्रतिष्ठनों में 12 करोड़ की कर चोरी पकड़ी
राज्य कर विभाग ने प्रदेश भर में बिटुमिन और तेल कारोबारियों पर ताबड़तोड़ छापे मार कर 12 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी। 12 फर्मों के 16 प्रतिष्ठानों पर छापों के दौरान दस्तावेेज भी जब्त किए।
राज्य कर विभाग ने प्रदेश भर में बिटुमिन और तेल कारोबारियों पर ताबड़तोड़ छापे मार कर 12 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी। 12 फर्मों के 16 प्रतिष्ठानों पर छापों के दौरान अधिकारियों ने कई दस्तावेज भी कब्जे में लिया है। चोरी पकड में आने पर कुछ कंपनियों ने मौके पर ही 1.13 करोड़ रुपये का जीएसटी मौके पर ही जमा कराया है।
आयुक्त-कर डॉ. अहमद इकबाल के निर्देश पर कर अधिकारियों ने बुधवार देर शाम तक छापे की कार्रवाई की। देर रात तक अधिकारी कर चोरी का आंकड़े तैयार करते रहे। गुरूवार को राज्य कर मुख्यालय ने कार्रवाई का ब्योरा जारी किया। उन्होंने बताया कि देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रूड़की, काशीपुर, हल्द्वानी और रूद्रपुर स्थित फर्मों बिटुमिन और तेल कंपनियों पर लंबे समय से निगाह रखी जा रही थी।
ये फर्में राज्य से बाहर स्थित फर्मों के बिलों की आड़ में बोगस आईटीसी का लाभ लेकर जीएसटी की चोरी कर रही थीं। अपने व्यापार से संबंधित फर्जी कारोबार को छिपाने के लिये बिल टू शिप टू मोड्यूल का सहारा लिया जा रहा था। राज्य कर आयुक्त के अनुसार प्रथम द़ष्टया इन फमों द्वारा 12 करोड रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी सामने आई हैं।
फर्मों के दस्तावेज, लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाईल फोन आदि जब्त कर लिया गया है। उनकी जांच जारी है। बोगस बिलिंग या फर्जी डेटा का लाभ उठाकर कर चोरी करने वाली सभी फर्मों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
व्यापारी टोल फ्री नंबर पर बताएं समस्या
राज्य कर आयुक्त ने कहा कि यदि किसी भी कारोबारी को कर से संबंधित कोई भी समस्या हो तो विभाग उसका समाधान करेगा। इसके लिए विभाग ने हेल्पलाइन-1800120122277 जारी किया है। इस पर संपर्क कर अपनी समस्या को रखा जा सकता है। इस पर दर्ज होने वाली हर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
सभी करदाताओं को समय पर रिटर्न दाखिल करते हुए अपने देय कर को जमा करते रहना चाहिए। समय पर अपना सही सही कर चुका कर वो राज्य के विकास में ही सहभागी बनेंगे। कर की चोरी किसी भी रूप में करना राज्य के हितों के खिलाफ है।
प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री
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