60 रुपये में गमले में उगाइए अब 60 किलो केले, तरीका करेगा हैरान
पंतनगर स्थित उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद का केले की नई किस्म जी-9 को लेकर ट्रायल सफल रहा है। प्लांट टिश्यू कल्चर विधि से यह नई किस्म तैयार की गई है। नई किस्म का प्रदर्शन किया गया।
पंतनगर स्थित उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद का केले की नई किस्म जी-9 को लेकर ट्रायल सफल रहा है। प्लांट टिश्यू कल्चर विधि से यह नई किस्म तैयार की गई है। किसान मेले में उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के स्टॉल में केले की इस नई किस्म का प्रदर्शन किया गया। परिषद के वैज्ञानिक डॉ. मनिन्द्र मोहन ने बताया कि केले की जी-5 किस्म के बाद अब जी-9 किस्म विकसित की गई है।
यह प्लांट टिश्यू कल्चर (पादप ऊतक संवर्धन) विधि से विकसित की गई है। इससे प्लांट में बीमारी का खतरा नहीं रहता है। बताया कि परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार के निर्देशन में जी-9 किस्म का ट्रॉयल सफल रहा है।
50 रुपये का प्लांट, 10 रुपये की खाद
वैज्ञानिक सहायक अनुज कुमार ने बताया कि जी-9 वैरायटी केले के प्लांट की कीमत करीब 50 रुपये के आसपास रहेगी। दो किलो बर्मी कंपोस्ट की जरूरत होती है। अगर चाहें और खाद दे सकते हैं। दो किलो बर्मी कंपोस्ट करीब 10 रुपये में मिल जाती है। बेहद कम लागत में अधिक केले मिल जाएंगे
सिर्फ पांच फीट का पौधा एक साल में देगा फल
वैज्ञानिक डॉ. मनिन्द्र मोहन ने बताया कि जी-5 वैरायटी में केले का पेड़ 10 फीट तक ऊंचाई का होता है। इसके लिए जगह अधिक चाहिए होती है और यह डेढ़ से दो साल में 20 से 30 किलो तक केले उत्पादित करता है। वहीं जी-9 की विशेषता यह है कि इसकी ऊंचाई पांच फीट होती है और यह किसी बड़े गमले में भी आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं जी-5 की तुलना में जी-9 सिर्फ एक साल में केले उत्पादित कर देगा। यह एक साल में पहली बार 60 किलो तक केले दे सकता है।
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