राज्य में बेरोजगारों पर कब तक सितम करेंगे सरकारी विभाग, फार्म भरवाने के बाद घटा देते हैं पद
बेरोजगारों की उम्मीदों पर सरकारी विभागों की कार्यशैली पानी फेर रही है। विभाग अपने यहां रिक्त पदों की संख्या बढ़ाचढ़ा कर बताते हुए बेरोजगारों से फार्म तो भरवा रहे हैं, लेकिन परीक्षा से पहले पदों की...
बेरोजगारों की उम्मीदों पर सरकारी विभागों की कार्यशैली पानी फेर रही है। विभाग अपने यहां रिक्त पदों की संख्या बढ़ाचढ़ा कर बताते हुए बेरोजगारों से फार्म तो भरवा रहे हैं, लेकिन परीक्षा से पहले पदों की संख्या में कटौती कर दी जाती है। इस कारण भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक देरी भी हो रही है।
सहायक कृषि अधिकारी : बीते दिनों सहायक कृषि अधिकारी के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। इसके लिए अगस्त 2020 में फार्म भरे गए थे। तब विभाग ने रिक्त पदों की संख्या 280 बताई थी, लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले पदों की संख्या 150 कर दी गई। आयोग के मुताबिक कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण के चलते कृषि विभाग ने पदों की संख्या घटाई है।
वन दरोगा भर्ती : इसी तरह का विवाद वन दरोगा भर्ती पर भी उठ खड़ा हुआ है। आवेदन के समय वन विभाग ने रिक्त पदों की संख्या 316 बताई थी, जिसमें 80 हजार बेरोजगारों ने आवेदन किया है। लेकिन अब विभाग यहां भी पदों की संख्या घटाने की तैयारी कर रहा है। अब वन विभाग रिक्त पदों की संख्या 39 ही बता रहा है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी के मुताबिक वन विभाग को रिक्त पदों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र लिखा गया है, इसी के बाद परीक्षा होगी।
संविदा फार्मासिस्ट : कांग्रेस सरकार ने संविदा के आधार पर 600 फार्मासिस्ट रखने के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की। इसमें करीब 15 हजार बेरोजगारों ने आवेदन किया। लेकिन मौजूदा सरकार ने 2018 में इन सभी पदों को निरस्त कर दिया। इस कारण 15 हजार आवेदक अधर में लटक गए। बेरोजगार फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने बताया कि संगठन इसके खिलाफ कोर्ट गया है, जहां मामला विचाराधीन है।
सरकार ने सात लाख से अधिक रोजगार दिए हैं। आयोग के जरिए ही रिकॉर्ड भर्तियां हुई है। हो सकता है किसी मामले में तकनीकी दिक्कत के चलते पद घटाए गए हैं, फिर भी बेरोजगारों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
मदन कौशिक, शासकीय प्रवक्ता
छह दिन बाकी एडमिट कार्ड नहीं मिले
देवभूमि बेरोजगार मंच ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हैं। मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि 10 जनवरी को प्रस्तावित आबकारी, प्रवर्तन सिपाही और जेई सिविल परीक्षा के प्रवेश पत्र एक सप्ताह पूर्व तक जारी नहीं किए गए हैं। इससे आवेदक परीक्षा केंद्र तक पहुंचने को लेकर असमंसज में हैं। राम कंडवाल ने कहा कि यदि पांच जनवरी से पहले पहले एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए तो आवेदक पांच जनवरी से आयोग के बाहर धरना प्रारंभ कर देंगे।
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