'बातचीत करके लें फैसले, थोपने का काम मत करें', BJP की बैठक में उत्तराखंड के पूर्व CM तीरथ सिंह रावत
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उत्तराखंड के पू्र्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिए एक बयान ने दिल्ली तक हलचल मचा दी है। रावत ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि 'जो आज आगे है, वह कल पीछे होगा।'
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत का कहना है कि पार्टी के भीतर सभी से सलाह-मशविरा करके फैसले लिए जाने चाहिए और उन्हें थोपा नहीं जाना चाहिए, क्योंकि जो आज आगे है वह कल पीछे होगा। यह बात उन्होंने सोमवार को देहरादून में आयोजित पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में अपने भाषण के दौरान कही। हालांकि अपने भाषण में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
रावत ने मंच से कहा, 'सबसे राय-मशवरा लेकर, बातचीत करके, थोपने का काम मत करना, अब तो जनता आगे बढ़ गई, हम पीछे हो गए हैं भैया, नेता तो बहुत पीछे हो गया है, जनता आगे बढ़ गई है। फिर उसके साथ-साथ कार्यकर्ता चल रहा है, मेहनत कर रहा है। इसलिए हमारे यहां कहते हैं ना नेता आधारित नहीं कार्यकर्ता आधारित, ये हम जो बैठे हैं, ये कोई नेता नहीं, बड़े आदमी नहीं हैं, दायित्व निभा रहे हैं।'
आगे रावत ने कहा, 'आज तू है तो कल मैं हूं, आज मैं हूं तो कल तू है। कब पीछे वाला यहां बैठ जाए और यहां वाला पीछे बैठ जाए कोई नहीं जानता। जमीन मत छोड़ो, कार्यकर्ता को मत भूलो।' हालांकि उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने यह नसीहत पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व और राज्य के नेतृत्व को दी।
तीरथ इतने पर ही नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा, 'मैं पुष्कर धामी जी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, धन्यवाद करता हूं। जब वे मुख्यमंत्री बने थे, तो हम मिले थे। मैं इनका संघर्ष लखनऊ से जानता हूं, मैं MLC था तो ये लॉ कर रहे थे। मैं इनका संघर्ष जानता हूं। मैंने पुष्कर जी से कहा आप केवल छह-सात महीने के लिए नहीं आए हो, मैं उतरा तो आप आए हो। आपने तो मिथक तोड़कर दोबारा सरकार ले आए, लेकिन आप 5 साल नहीं तो 15 साल पूरे करो। हम उनमें से नहीं जो बना दिया तो बिगड़ जाए, उसके आगे-पीछे आगे-पीछे जाएं। आना होगा तो अपने आप आ जाओगे, ये भाग्य है, जो लेकर आए होगे वही मिलेगा। प्रारब्ध जो लिखा होगा उसको कोई मिटा नहीं सकता।'
भाजपा की बैठक में तीरथ सिंह रावत हाल ही में राज्य की दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में पार्टी की हार से नाराज नजर आए। उन्होंने इसके लिए गलत प्रत्याशी चयन को जिम्मेदार बताते हुए पार्टी को सलाह-मशविरा करके फैसले लेने की नसीहत दी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान नहीं मिल रहा है।
15 जुलाई सोमवार को आयोजित इस विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजय कुमार समेत अन्य कई भाजपा नेता शामिल हुए।
बता दें कि तीरथ सिंह रावत मार्च 2021 से जुलाई 2021 के बीच करीब चार महीनों के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि इसके बाद पार्टी ने उनसे इस्तीफा लेकर 4 जुलाई 2021 को पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया था। बाद में 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने पर उन्हें एक बार फिर यह जिम्मेदारी सौंपी गई।
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