Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़forest fire in uttarakhand 60 percent staff on election duty department is unaware

चुनाव ड्यूटी पर 60 प्रतिशत स्टाफ, कैसे बुझेगी उत्तराखंड के जंगलों की आग; बेखबर है वन विभाग

उत्तराखंड के जगलों में तापमान बढ़ने से आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जंगल में आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। विभाग अब घटनाएं कम करके दिखा रहा है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, हल्द्वानीThu, 18 April 2024 10:24 AM
share Share

अप्रैल में तापमान बढ़ने के चलते कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगलों में आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। जंगल में आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा वन विभाग अब इन घटनाओं को कम कर के दिखाने में जुटा है। बुधवार को वन विभाग ने जंगल में आग की घटनाओं का जो बुलेटिन जारी किया, उसमें राज्य के जंगलों में आग की पांच घटनाएं बताई हैं। इसमें तीन घटनाएं गढ़वाल और दो घटनाएं कुमाऊं के जंगलों में बताई गई हैं। 

इन पांच घटनाओं में मात्र तीन हेक्टेयर जंगल जलने और करीब पांच हजार रुपये का नुकसान होने की बात कही गई है। जमीन पर हकीकत विभाग के आंकड़ों से एकदम उलट है। कुमाऊं के जंगलों में करीब 19 जगह जंगल जल रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले में ही करीब 12 जगह जंगलों में आग लगी हुई है। जिला मुख्यालय में शिलिंग, खतेड़ा, थल में हजेती, मल्ली गोल, आमथल, बलतिर और झूलाघाट में बडालू, किल्ल, रज्यूड़ा, खिछाड़ा के जंगलों में आग लगी है। वहीं अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के भुजान, बमस्यूं, तितालीखेत और सौनी के जंगलों में मंगलवार रात से आग धधक रही है। 

बुधवार को समाचार लिखे जाने तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका था। नैनीताल जिले के बेलुवाखान और गरमपानी और चम्पावत जिले में पाटी से लगे जंगलों में भी आग लगी है। ऐसा ही हाल गढ़वाल के जंगलों में भी देखने को मिल रहा है। पहाड़ में सड़क से लगे जंगलों में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। आग की इन घटनाओं से सड़कों से गुजरना मुश्किल हो रहा है। तेज हवाओं के साथ आग की लपटें सड़कों की तरफ आ रही हैं।

ड्यूटी नहीं लगाने को दो बार जारी किया पत्र 

बीती तीन फरवरी को प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने सभी जिलाधिकारियों को वन कर्मचारी की चुनाव में ड्यूटी नहीं लगाने के बाबत पत्र लिखा था। इधर, जंगल में आग की बढ़ रहीं घटनाओं को देखते हुए प्रमुख सचिव ने पांच अप्रैल को एक बार फिर से वन विभाग के फील्ड स्टाफ एवं वाहनों को चुनाव डयूटी में नहीं भेजने के लिए सभी डीएम को पत्र लिखा है।

तापमान के साथ बढ़ेंगी आग की घटनाएं

पंतनगर विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ.आरके सिंह ने बताया कि इन दिनों तापमान 35 डिग्री के आसपास चल रहा है। 20 अप्रैल तक तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस और बढ़ेगा। वहीं मई में तापमान के करीब 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। तापमान में वृद्धि से जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ने का अंदेशा है।

चुनाव ड्यूटी पर 60 प्रतिशत स्टाफ

लोकसभा चुनाव के चलते लगभग सभी वन प्रभागों का करीब 70 स्टाफ चुनाव ड्यूटी पर है। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि स्टाफ ही नहीं वन विभाग के वाहनों को भी चुनाव ड्यूटी पर लगा दिया है। ऐसे में आग पर काबू पाने में ज्यादा दिक्कत हो रही हैं।

17 दिन में 320 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जला

वन विभाग के आंकड़ों को मानें तो एक से 17 अप्रैल तक दावाग्नि की करीब 280 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें करीब 320 हेक्टेयर जंगल जल गया है। आग की इन घटना में करीब आठ लाख रुपये से ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है।

उत्तराखंड फारेस्ट फायर के एपीसीसीएफ निशांत वर्मा ने कहा, 'फॉरेस्ट फायर के बुधवार को 50 अलर्ट आए हैं। इनमें 30 घटनाएं कुमाऊं और 20 घटनाएं गढ़वाल क्षेत्र की हैं। वन विभाग के कर्मचारी मौके पर जाकर घटनाओं का सत्यापन कर रहे हैं। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि राज्य में कितने जंगल जले हैं।'

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें