किसान नेता राकेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे, गंगा नदी की रक्षा के लिए मातृ सदन को समर्थन;कहीं ये बातें
मातृ सदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद बीते 18 दिनों से गंगा रक्षा को लेकर आंदोलित हैं। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शिवानंद के आंदोलन को समर्थन देने मातृ...
मातृ सदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद बीते 18 दिनों से गंगा रक्षा को लेकर आंदोलित हैं। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शिवानंद के आंदोलन को समर्थन देने मातृ सदन पहुंचे। उन्होंने स्वामी शिवानंद से बातचीत करते हुए मातृ सदन को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने शासन प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गंगा रक्षा को लेकर भाकियू मातृ सदन के आंदोलन के साथ खड़ा है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसी भी पार्टी की सरकार बने, उससे भाकियू को कोई लेना देना नहीं। लेकिन जो भी सरकार बने वह किसान और जनता की हितैषी होनी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली में 13 महीने आंदोलन चलाने के बाद भी यह बताना पड़ेगा कि वोट किसे देना है। देश का किसान और जनता यह अच्छी तरह जानती है कि उसे किसे वोट देना है। राकेश टिकैत ने कहा कि मातृ सदन काफी समय से गंगा को बचाने के लिए आंदोलित है।
मातृ सदन के संतों ने गंगा रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया है। गंगा का अस्तित्व कैसे बचे और खनन पर रोक कैसे लगे, इसके लिए मातृ सदन और उनके ब्रह्मचारी पिछले काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार और प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा।
इसके लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में भाकियू को एक आंदोलन करने की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों वापस लिए जाने से किसानों को कोई खास फायदा नहीं होने वाला है। सरकार यदि किसानों का भला चाहती है तो उसे बहुत सारे सेक्टर किसानों के लिए खोलने होंगे। फसलों की उचित कीमत देनी होगी। सरकार ऐसी नीतियां बनाएं जिससे किसानों को फायदा हो।
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