शिक्षा विभाग में निकले फर्जी शिक्षक, दूसरों के डॉक्यूमेंट्स पर बने सरकारी टीचर, एसआईटी जांच में खुलासा तो फरार
एसआईटी जांच में दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र तो सही निकले, लेकिन जिन प्रमाण पत्रों पर नौकरी की जा रही थी वह शिक्षक फर्जी मिले। फर्जीवाड़े में फंसने के बाद दोनों लापता हो गये। एसआईटी ने ट्रेस किया तो पता...
एसआईटी जांच में दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र तो सही निकले, लेकिन जिन प्रमाण पत्रों पर नौकरी की जा रही थी वह शिक्षक फर्जी मिले। फर्जीवाड़े में फंसने के बाद दोनों लापता हो गये। एसआईटी ने ट्रेस किया तो पता चला वह दोनों सहारनपुर के हैं। टीम अब इन दोनों पर केस दर्ज कराने की तैयारी में है। दो शिक्षक जसपुर में एक सरकारी विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे थे। विभाग ने उनके दस्तावेज भी मांगे। वर्ष 2014 में एसआईटी उनके दस्तावेजों की जांच कर रही थी। सूचना मिली कि दो शिक्षक फर्जी हैं।
इस पर टीम ने सिपाही को सहारनपुर उक्त पते पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट मार्कशीट लेकर भेजा। वहां पर उन नामों के दोनों शख्स अलग थे। इसके बाद एसआईटी दोनों के गांव पहुंचीं तो पता चला दोनों अपने घरों से गायब हैं। इसकी जानकारी एसआईटी ने जसपुर ब्लॉक और मुख्य शिक्षा अधिकारी को दी। एसआईटी इंचार्ज प्रमिला भट्ट ने कहा दोनों फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जल्द केस दर्ज किया जायेगा। कहा इससे पहले अन्य दो शिक्षकों के साथ भी इसी तरह का मामला आ चुका है।
सितारगंज के शिक्षक को मिली थी मृतक आश्रित कोटे में नौकरी
रुद्रपुर। सितारगंज के चीकाघाट स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर मुकेश कुमार का मामला 1997 का है। मृतक आश्रित कोटे में उन्हें नौकरी मिली थी। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी हासिल की थी। एसआईटी इंचार्ज प्रमिला भट्ट ने कहा मुकेश को जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से निलंबित कर दिया है। इसकी रिपोर्ट देहरादून भी कर दी गई है।
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