उत्तराखंड क्रिकेट की मान्यता पर रायशुमारी की
बीसीसीआई की मान्यता को लेकर सोमवार को उत्तराखंड एफिलिएशन कमेटी के सदस्यों ने दो एसोसिशनों से रायशुमारी की। करीब दो घंटे चली बैठक में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन ने राज्य...
बीसीसीआई की मान्यता को लेकर सोमवार को उत्तराखंड एफिलिएशन कमेटी के सदस्यों ने दो एसोसिशनों से रायशुमारी की। करीब दो घंटे चली बैठक में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन ने राज्य में क्रिकेट को लेकर एसोसिएशन की भूमिका और परिणामों से अवगत कराया। कमेटी रिपोर्ट तैयार कर बीसीसीआई को सौंपेगी। उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता नहीं मिल सकी है। इसे लेकर उत्तराखंड की क्रिकेट एसोसिएशनों में मतभेद होना कारण रहा है। अब नई पहल के तहत उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत उत्तराखंड एफिलिएशन कमेटी के सदस्य सबा करीम और अंशुमन गायकवाड़ देहरादून पहुंचे हैं।
दोनों सदस्यों ने नंदा की चौकी स्थित होटल में एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की। पहले चरण में साढ़े चार बजे कमेटी से उत्तरांचल क्रिकेट एकेडमी के अध्यक्ष प्रदीप सिंह, सचिव चंद्रकांत आर्य, उपाध्यक्ष पंकज सहगल, संयुक्त सचिव आरएस चौहान ने मुलाकात की। अध्यक्ष प्रदीप सिंह और सचिव चंद्रकांत ने एसोसिएशन की राज्य में क्रिकेट को बढ़ावा देने में भूमिका, योगदान एवं उससे मिले परिणामों से कमेटी को अवगत कराया। साथ ही उत्तराखंड की सबसे पुरानी एसोसिएशन होने का दावा कमेटी के सामने किया। एसोसिएशन का पक्ष जानने के बाद यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय गुसाईं से अलग से वार्ता हुई। गुसाईं ने अपनी एसोसिएशन के माध्यम से क्रिकेट को बढ़ावा देने और युवा प्रतिभाओं को निखारने आदि विषयों
पर किए कार्य बताने के साथ ही अपना पक्ष रखा। आज दो एसोसिएशन से होगी वार्ता: मंगलवार को उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड से वार्ता की जाएगी। यह वार्ता सुबह से शुरू होगी। इसके बाद रिपोर्ट को बीसीसीआई को सौंपी जाएगी।
बीसीसीआई ने 21 बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
देहरादून। उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता को लेकर क्रिकेट एसोसिएशनें अब 21 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट सौंप रही हैं। सोमवार को पहले चरण में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन ने रिपोर्ट सौंपने के साथ ही प्रजेंटेशन दी। यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) में मर्ज होने का पत्र दिया। मंगलवार सुबह उन्हें बैठक में साथ आने को कहा गया है।
पिछले साल लिया था घरेलू क्रिकेट में हिस्सा
देहरादून। उत्तराखंड पिछले 18 वर्षों से बीसीसीआई से मान्यता मिलने का सपना देख रहा है। 2018 में उत्तराखंड की टीम ने घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया था। टीम ने रणजी और कूच बेहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था। अब उत्तराखंड का लक्ष्य बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त करना है।
बीसीसीआई सुविधाओं से संतुष्ट
उत्तराखंड में मौजूदा समय में 6 से 7 क्रिकेट स्टेडियम हैं, जहां बीसीसीआई के मैच आयोजित हो सकते हैं। अनुसार बीसीसीआई उत्तराखंड में मौजूद सुविधाओं से काफी खुश है। वहीं प्रदेश में बीसीसीआई के लेवन 1 अंपायर, लेवल 1 कोच भी मौजूद हैं, तो बीसीसीआई के क्वालीफायर स्कोरर, वीडियो एनालिस्ट भी हैं।
ऑल इंडिया स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट से मिलेगी तरजीह
उत्तराखंड को भले ही मान्यता नहीं मिल सकी हो, लेकिन ऑल इंडिया स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हर साल होता आ रहा है। यूपीसीए भी उत्तराखंड को सेंट्रल जोन, अंडर-19 बालिका बोर्ड ट्रॉफी के मैचों की जिम्मेदारी सौंप चुकी है। वहीं हर जिले में सीनियर, जूनियर क्रिकेट लीग के आयोजन भी हो रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, टूर्नामेंट और खिलाड़ियों की संख्या को देखते हुए अनुभव को इसमें तरजीह मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। बीसीसीआई के जीएम ऑपरेशन सबा करीम और एफिलेशन कमेटी के सदस्य अंशुमान गायकवाड़ अब उत्तराखंड का मामला हल करने पहुंचे हैं। साल 2018-19 में बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में पहली बार उत्तराखंड की टीम खेली। टीमों के लिए बकायदा चारों एसोसिएशनों को भी जिम्मेदारी भी दी गई थी। उत्तराखंड में बीसीसीआई के करीब 60 मैचों का भी आयोजन हुआ। मगर इससे पहले भी उत्तराखंड में बीसीसीआई के बोर्ड ट्रॉफी के मैचों का आयोजन हो चुका है। उत्तराखंड में यूपी और रेलवे की महिला टीम के बीच मैच का आयोजन हुआ है। वहीं अंडर-16 बालक टीमों के मैचों का भी आयोजन हुआ। जबकि यूपीसीए ने उत्तराखंड को 12वां जोन बनाने के बाद बीसीसीआई के अंडर-19 महिला वर्ग के मैचों के आयोजन की जिम्मेदारी भी यहां सौंपी थी।
वहीं देहरादून में मौजूदा समय में एक ही ऑल इंडिया स्तर का टूर्नामेंट लगातार आयोजित हो रहा है। बीसीसीआई के नियमों के अनुरूप मैच का आयोजन होता है और हर टीम में रणजी खिलाड़ी भी शामिल होते रहे हैं। मौजूदा समय में विश्व कप खेल रही भारतीय क्रिकेट टीम के 4-5 सदस्य भी टीम में चुने जाने से पहले इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद भी कुछ क्रिकेटर यहां आकर टूर्नामेंट खेले हैं। इसे बकायदा यूपीसीए ने बीते 18 सालों तक मान्यता भी दी थी, जबकि साल 2019 में यह यूसीसीसी की मान्यता से हुआ। सूत्रों की मानें तो बीसीसीआई इस बार उत्तराखंड को मान्यता देने के लिए पूरा मन बनाकर आयी है।
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