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उत्तराखंड: सरकारी कॉलेजों में महंगी होगी पढ़ाई

उत्तराखंड के सरकारी और अशासकीय डिग्री कालेजों में पढ़ाई महंगी होने जा रही है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने सभी कालेज प्राचार्यों को छात्र-छात्राओं से प्रतिमाह 100-100 रुपये तक अतिरिक्त...

लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून Mon, 7 Jan 2019 12:25 PM
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उत्तराखंड के सरकारी और अशासकीय डिग्री कालेजों में पढ़ाई महंगी होने जा रही है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने सभी कालेज प्राचार्यों को छात्र-छात्राओं से प्रतिमाह 100-100 रुपये तक अतिरिक्त फीस लेने के निर्देश दिए हैं। इस फीस से कालेजों की मरम्मत व अन्य संसाधन विकसित किए जाएंगे।  इसके साथ ही सरकार 218 और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती करने जा रही है। इसका प्रस्ताव जल्द ही लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा। हर नये भर्ती हुए शिक्षक के लिए शुरुआती पांच साल की सेवा दुर्गम क्षेत्र के कॉलेज में करनी अनिवार्य होगी। रविवार को उच्च शिक्षा विभाग में सातवां वेतनमान लागू होने के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह में डॉ.रावत ने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कॉलेज का नेशनल एक्रेडिशन काउंसिल ‘नैक’ कराने के लिए 4.50 लाख रुपये फीस देनी होती है। वर्तमान में नर्सरी-केजी के छात्रों की फीस भी 3-4 हजार रुपये है। बकौल डॉ.रावत, नर्सरी में पढ़ने वाली मेरी बेटी की फीस भी 3500 रुपये जाती है। जबकि उच्च शिक्षा में ट्यूशन फीस माफ है। ऐसे में 100 रुपये तक अतिरिक्त लेना छात्रों पर ज्यादा बड़ा आर्थिक बोझ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के 25 मेधावी छात्रों को सरकार विदेश की यूनिवर्सिटी के दौरों पर भी भेजेगी। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति उपाध्यक्ष दीप्ति रावत भारद्वाज, कुलपति डॉ.पीयूषकांत दीक्षित, डॉ. पीडी ध्यानी, उच्च शिक्षा निदेशक बीसी मेलकानी, डॉ. जेसी घिल्डियाल, डॉ. वीए बौडाई, डॉ.कमल पांडे, डॉ.एके तिवारी, डॉ.अंजू गुप्ता, डॉ.वीएन शर्मा, रूसा सलाहकार डॉ. केडी पुरोहित, डॉ. अजय सक्सेना, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संरक्षण डॉ.ओपी कुलश्रेष्ठ, डॉ.प्रशांत सिंह,डॉ.हरनाम सिंह,डॉ.डीके त्यागी, संदीप रावत, दीपक भट्ट, डॉ. मधु सिंह, डॉ. सुधीर गैरोला,डॉ. ममता सिंह, डॉ. वीपी सिंह आदि मौजूद रहे।

फीस का मौजूदा ढांचा 
राज्य में सरकारी डिग्री कॉलेजों में ट्यूशन फीस माफ है। पर, अन्य सुविधाओं के रूप में विज्ञान विषय में 2400 और कला में 2150 रुपये तक सालाना फीस देनी होती है। 16 विभिन्न कैटेगरी में छात्र निधि शुल्क- 1800 रुपये तक, परीक्षा शुल्क व फारवर्डिंग शुल्क- 1300 रुपये तक है। विज्ञान विषय में 511 और कला-कामर्स विषय 240 देने होते हैं।

योग्य शिक्षकों को पुरस्कार 
सरकार इस साल से उच्च शिक्षा क्षेत्र में भक्तदर्शन पुरस्कार शुरू करने जा रही है। इसमें सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले पांच डिग्री शिक्षकों को पुरस्कार दिया जाएगा। इन शिक्षकों को विदेश में पढ़ाई अथवा किसी प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए छह माह का अवकाश दिया जाएगा। उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक साल सेवा विस्तार भी दिया जा सकता है।

इस अतिरिक्त फीस का उपयोग कालेज के संसाधन विकसित करने में ही किया जाएगा। यह ज्यादा बड़ी राशि भी नहीं है। आजकल तो नर्सरी की कक्षा में भी तीन से चार हजार रुपये फीस देनी पड़ती है।
डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री
 

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