Chandra Grahan 2018:104 साल बाद आ रहा है ये योग, बुरे असर से बचाएगा दान- VIDEO
हरिद्वार में स्थित हरकी पैड़ी में कई प्राचीन मंदिर चंद्रग्रहण सूतक प्रभाव के कारण आज दोपहर को श्रदालुओं के लिए बंद हुए। विधिवत पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोचारण के साथ मंदिर पुन: शनिवार को दर्शन...
हरिद्वार में स्थित हरकी पैड़ी में कई प्राचीन मंदिर चंद्रग्रहण सूतक प्रभाव के कारण आज दोपहर को श्रदालुओं के लिए बंद हुए। विधिवत पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोचारण के साथ मंदिर पुन: शनिवार को दर्शन के लिए खुलेंगे जिसके बाद ही श्रद्धालु मां गंगा की पूजा अर्चना कर सकेंगे। 27 जुलाई को ग्रहण से नौ घंटे पूर्व मंदिरों के कपाट दर्शनों के लिए सूतक लगे होने से बंद रहेंगे। दोपहर 2:54 बजे से मंदिर बंद रहेंगे।
श्री गंगासभा रिजस्टिर्ड हरद्विार के पंडित प्रदीप झा कहते हैं कि लोगों को इस समय अधिक से अधिक दान करना चाहिए। वह कहते हैं कि हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व है और यह मात्र रिवाज या परंपरा ही नहीं बल्कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भी इसकी महत्वता है। यदि कोई व्यक्ति दान करता है तो उसके प्रभाव से उसे इंद्रिय आसक्ति से मुक्ति मिलती है।
दान करने से समाज में समानता का भाव तो होता ही है और जरुरतमंद व्यक्ति को भी जीवन के लिए उपयोगी चीजें मिल जाती हैं। सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण आषाढ़ पूर्णिमा यानि शुक्रवार को लग रहा है। इस खग्रास चंद्रग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 55 मिनट की होगी। अष्टांग योग में ये ग्रहण 104 साल बाद आ रहा है। जबकि गुरुपूर्णिमा के दिन 18 साल बाद चंद्रग्रहण लग रहा है।
चन्द्रग्रहण 27-28 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन लगेगा। इसकी शुरुआत आज रात्रि 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और समाप्ति 28 जुलाई की प्रात: 3 बजकर 50 पर होगी। खग्रास का प्रारंभ 28 की तड़के एक बजे व समाप्ति 2:43 मिनट पर होगी। हालांकि ग्रहण की पूर्ण समाप्ति तड़के 3:50 पर होगी। ग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 2:54 मिनट पर शुरू हो जाएगा। ग्रहण का पर्वकाल 3 घंटे 55 मिनट तक रहेगा।
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