उत्तराखंड में डिजिटल फॉरेंसिक की बारीकियां सीख सकेंगे छात्र, जानें कोर्स के बारे में सबकुछ
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) में ऑनलाइन मोड पर डिजिटल फॉरेंसिक कोर्स कराया जाएगा। इसके लिए वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। 4 क्रेडिट वाले कोर्स की समय सीमा 12 हफ्ते यानी तीन महीने...
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) में ऑनलाइन मोड पर डिजिटल फॉरेंसिक कोर्स कराया जाएगा। इसके लिए वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। 4 क्रेडिट वाले कोर्स की समय सीमा 12 हफ्ते यानी तीन महीने होगी। यह कोर्स पूरी तरह से नि:शुल्क होगा। यूओयू प्रशासन इसी साल अप्रैल से यह कोर्स शुरू कराने की तैयारी कर रहा है।
राज्य का पहला विवि होगा
डिजिटल फॉरेंसिक कोर्स अभी देश के 10 चुनिंदा विवि में ही चल रहा है। यूओयू इसकी पढ़ाई कराने वाला उत्तराखंड का पहला विवि होगा। यहां कम्प्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी विद्याशाखा में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेन्द्र पांडे का कहना है कि साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए अपराधियों तक पहुंचने के लिए प्रोफेशनल लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि न्याय विभाग, पुलिस और आईटी सेक्टर में डिजिटल फॉरेंसिक कौशल वाले लोगों की डिमांड बढ़ रही है।
मोबाइल से कर सकेंगे पढ़ाई
डिजिटल फॉरेंसिक कोर्स करने के लिए आईटी या फॉरेंसिक साइंस का विद्यार्थी होने की जरूरत नहीं। इसे स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर चुके या पढ़ाई कर रहे छात्र कर सकते हैं। ऑनलाइन होने से इस कोर्स में पंजीकरण करने के बाद छात्र मोबाइल या लैपटॉप पर आसानी से कहीं भी पढ़ाई कर सकेंगे।
‘स्वयं’ पोर्टल के साथ करार की तैयारी
डिजिटल फॉरेंसिक का ऑनलाइन पाठ्यक्रम बनाकर यूओयू प्रशासन शिक्षा मंत्रालय के ‘स्वयं’ पोर्टल से करार करने की तैयारी कर रहा है। यह कोर्स पूरा होने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षा भी होगी। इसके साथ ही विवि की वेबसाइट से कोर्स संचालित किया जाएगा।
ऑनलाइन कोर्स में 40 मॉड्यूल होंगे
सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेन्द्र पांडे ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया है कि डिजिटल फॉरेंसिक कोर्स में 40 से ज्यादा मॉड्यूल होंगे। विंडोज फॉरेंसिक, लाइनेक्स फॉरेंसिक, मोबाइल फॉरेंसिक, फर्स्ट रिस्पॉन्डर टू विकेट, टाइप्स ऑफ एविडेंस, हार्डडिस्क टेक्नोलॉजी एवं इन्वेस्टीगेट वेब अटेक्स जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए यूओयू यह कोर्स शुरू करने जा रहा है।
रोजगार की संभावनाएं
ज्यादातर फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुलिस विभाग में काम करना पसंद करते हैं। जांच एजेंसी, लीगल सिस्टम्स और निजी कंपनियों में इनकी मांग होती है। इसके अलावा भी, कई अपराधों की पड़ताल के लिए डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है...
-ऑनलाइन क्रेडिट/डेबिट कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में
-ई-मेल से जुड़े अपराधों की तफ्तीश की जा सकती है।
-एटीएम क्लोनिंग के मामलों में
-सॉफ्टवेयर चोरी से जुड़े केस
-एसएमएस हैकिंग से जुड़े केस
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