ग्रहों के उलटफेर से इस बार दो दिन धनतेरस, यह होगा शुभ मुहूर्त
ग्रहों की चाल और शानदार संयोगों से इस बार धनतेरस का पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। त्योहारों पर अद्भुत खगोलीय उलटफेर है। 27 साल बाद दिवाली से अगले दिन सूर्यग्रहण होगा। महाभारतकाल जैसी स्थिति बनी है।
ग्रहों की चाल और शानदार संयोगों से इस बार धनतेरस का पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। त्योहारों पर अद्भुत खगोलीय उलटफेर है। 27 साल बाद दिवाली से अगले दिन सूर्यग्रहण होगा।
महाभारतकाल जैसी स्थिति: इस बार महाभारतकाल जैसी स्थिति बन रही है, क्योंकि कार्तिक मास में सूर्य ( 25 अक्तूबर) और चंद्र ग्रहण ( 8 नवंबर) दोनों होंगे। व्यापार के कारक चार ग्रह शुक्र, शनि, बृहस्पति और बुध शुभग्रही योग में रहेंगे।
बड़ा उलटफेर: सूर्यग्रहण के कारण दिवाली पर सितारों की बड़ी उलटफेर है। ग्रहण से छोटी दिवाली और दिवाली एक दिन 24 अक्तूबर को होगी। 25 को ग्रहण पर कोई पर्व नहीं है। गोवर्धन 26 को होगा। पहली बार दिवाली के पांच पर्व धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन और भैयादूज की शृंखला टूट रही है।
धनतेरस इसलिए दो दिन: कार्तिक की त्रयोदशी को धनतेरस होता है लेकिन तिथि भ्रम के कारण यह दो दिन हो रहा। त्रयोदशी शनिवार शाम 6:02 से लग रही, जो रविवार शाम 6:03 बजे तक रहेगी। अधिकांश ज्योतिषियों की राय में उदयव्यापिनी तिथि के कारण रविवार (23 अक्तूबर) को ही धनतेरस मनाना श्रेष्ठ होगा। विद्वानों के अनुसार, सोना-चांदी, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल्स, निवेश, इलेक्ट्रॉनिक के साथ ही धार्मिक व्यापार जगत को फायदा होने के योग हैं।
शुभ-लाभ वृद्धि
दिवाली पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा। चार ग्रह पहले से ही मार्गी हैं। त्रिपुष्कर योग में शुभ लाभ में तीन गुना वृद्धि हो जाती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में सभी सिद्धियां होती हैं। इस योग पर राहुकाल का भी प्रभाव नहीं होता।
पूजन मंत्र
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
अर्थ : यक्ष के देवता, धनधान्य अधिपति कुबेर हमें धन, धान्य और समृद्धि प्रदान करें।
सूर्यग्रहण बाजार के लिए शुभ
25 को शाम 4:30 से 6:30 बजे तक सूर्यग्रहण रहेगा। विद्वानों की मानें तो सूर्यग्रहण व्यापार के लिए शुभ है। सोने पर सुहागा यह है कि धनतेरस पर शनिदेव भी मार्गी हो रहे हैं। व्यापार के कारक शुक्र, बृहस्पति, बुध और शनि व्यापार को लाभ देंगे।
विशेष योग
ल्ल सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्तूबर को प्रात: 6.32 बजे से दोपहर 2.33 बजे तक
ल्ल त्रिपुष्कर योग 23 अक्तूबर 2022 को दोपहर 1.50 बजे से शाम को 6.02 बजे तक
धनतेरस मुहूर्त
त्रयोदशी प्रारंभ 22 अक्तूबर 2022 शाम को 06:02 बजे से त्रयोदशी समाप्त 23 अक्तूबर 2022 को शाम 06:03 बजे
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