भगवान शिव की तपस्थली आदि कैलास तक पहुंचने लगे श्रद्धालु, जानिए कैसे कर सकते हैं दर्शन
भगवान शिव की तपस्थली आदि कैलास तक सड़क पहुंच जाने से बेहद दुर्गम धार्मिक यात्रा अब आसान हो गई है। 2020 में उच्च हिमालयी दुर्गम क्षेत्र में सड़क पहुंच जाने के बाद भी कोरोना काल ने पर्यटकों की राह रोक...
भगवान शिव की तपस्थली आदि कैलास तक सड़क पहुंच जाने से बेहद दुर्गम धार्मिक यात्रा अब आसान हो गई है। 2020 में उच्च हिमालयी दुर्गम क्षेत्र में सड़क पहुंच जाने के बाद भी कोरोना काल ने पर्यटकों की राह रोक दी। अब इन दिनों बड़ी संख्या में देश के कई हिस्सों से भगवान शिव के दर्शनों को श्रद्धालु आदि कैलास व ओम पर्वत के दर्शनों को पहुंचे रहे हैं।
18 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलास व ओम पर्वत पवित्र धार्मिक स्थल हैं। पहले धारचूला से 150 किमी से अधिक पैदल व दुर्गम यात्रा चार पड़ावों में विश्राम के बाद पैदल तय की जाती थी। उच्च हिमालयी क्षेत्र व चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपूलेख तवाघाट सड़क 2020 में पूरी तरह तैयार हो जाने से यह यात्रा सुगम हो गई है।
कोरोना काल में लगे लॉक डाउन से मानसरोवर व आदि कैलास की यात्रा दो साल रद्द रही। इस साल जून से अगस्त तक आपदा के बीच सड़क कई जगह बंद रहने से यात्री ओम पर्वत व आदि कैलास के दर्शनों को नहीं जा सके। अब पिछले 40 दिनों से यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
40 दिन में 700 से अधिक लोगों ने किए दर्शन
कोरोना की लहर कमजोर होने के बाद पिछले 40 दिनों में 700 से अधिक लोगों ने आदि कैलास व ओम पर्वत के दर्शन किए हैं। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा है।
ऐसे करें आदि कैलास और ओम पर्वत की यात्रा
-धारचूला से 150 किमी वाहन से गुंजी फिर जौलिड़कांग पहुंच कर होते हैं आदि कैलास दर्शन
-ओम पर्वत के दर्शनों को गुंजी से नाभीढ़ांग तक 30 किमी यात्रा वाहन से कर होते हैं भव्य दर्शन
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