Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Devotees of Baba reached the fair from America Britain devotees gathered in Kainchi Dham Foundation Day

अमेरिका, ब्रिटेन तक से मेले में पहुंचे बाबा के भक्त, कैंची धाम स्थापना दिवस में उमड़ा भक्तों का हुजूम

कैंची धाम का स्थापना दिवस धूमधाम से बनाया गय।दो साल बाद 15 जून को भक्तों हुजूम उमड़ा। मेले के लिए यातायात डायवर्ट है। अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों से भी भक्त बाबा के दर्शन को पहुंचे थे।

Himanshu Kumar Lall   भवाली। नीरज जोशी, Thu, 16 June 2022 03:03 PM
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बाबा नीब करौली महाराज की प्रसिद्धि विदेशों तक फैली हुई है। कैंची धाम में हर साल सैकड़ों विदेशी भक्त भी पहुंचते हैं। बुधवार को कैंची धाम के स्थापना दिवस में अमेरिका, ब्रिटेन से भी भक्त पहुंचे।  अमेरिका के टेक्सास प्रांत निवासी एलेक्स ने बताया कि वह बाबा नीब करौली के भक्त हैं।

उनके ही आशीर्वाद से उन्हें पहले भारत आने और फिर नीब करौली मंदिर में दर्शन का सौभाग्य मिल पाया। वह हर साल बाबा के दर्शन को कैंची धाम आते हैं। यहां आकर उन्हें जो शांति व सुख का अहसास होता है, वह कहीं नहीं मिलता है। इसी तरह अजमेर से आए प्रताप सिंह भी हर साल धाम में आते हैं।

वह कुछ सालों से ब्रिटेन में रह रहे हैं। कोविड के कारण एक साल वह मंदिर नहीं आ पाए। इस साल तय किया था कि कैंची मेले में जाना है। यूगांडा से जैकलीन अपने पति सैम के साथ पहुंची थीं। जैकलीन ने बताया कि उन्होंने बाबा का काफी नाम सुना है, जिसके बाद वह यहां आईं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, चेन्नई, मध्य प्रदेश से लेकर देश-विदेश से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचे। 

भवाली टैक्सी यूनियन ने की निशुल्क शटल सेवा 
भवाली। कैंची धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए टैक्सी यूनियन अध्यक्ष नीरज सिंह अधिकारी ने 10 निशुल्क शटल सेवा चलाकर श्रद्धालुओं को कैंची धाम पहुंचाया। बताया कि बाबा के भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए सेवा संचालित की गई।

श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे स्थानीय लोग
भवाली-भीमताल रोड पर अंश मोटर्स ने श्रद्धालुओं के वाहनों में निशुल्क हवा भरी। अंश मोटर्स संचालक़ अरुण कुमार ने बताया कि सभी भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं। सुबह से शाम तक भक्त श्रद्धालुओं के सेवा के लिए जूते के स्टॉक पर सेवा देते रहे। टोकन देकर जूते जमा किए गए। श्रद्धालु मुख्य द्वार से प्रसाद लेकर दूसरे द्वार से बाहर आते रहे। तराई क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने दर्शन करने के बाद शिप्रा नदी में जाकर अठखेलियां कीं। साथ ही नदी में परिवार के साथ सेल्फी लेकर यादें संजोते रहे।   

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