Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़chief minister tirath singh rawat kedarnath badrinath gangotri yamunotri char dham yatra start once corona infection reduce

केदारनाथ,बदरीनाथ सहित चारधामों में क्या श्रद्धालु कर पाएंगे दर्शन, जानिए क्या बोले सीएम तीरथ सिंह रावत 

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को शुरू करने में कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला फोकस कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने पर है।...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Wed, 2 June 2021 11:56 AM
share Share

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को शुरू करने में कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला फोकस कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने पर है। कोविड कंट्रोल होने के बाद ही सरकार यात्रा को शुरू करने पर विचार करेगी। कहा कि चारों धामों के कपाट तय समय पर ही खोले गए हैं। तीरथ ने कहा कि देश में कोरोना के हालत अभी ठीक नहीं है, इसलिए यात्रा को अभी शुरू करना मुनासिब नहीं होगा क्योंकि यात्रा शुरू होने के साथ ही देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को उत्तराखंड आते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।  

उन्होंने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण कंट्रोल होता है, तो सरकार जल्द ही सशर्त धामों में रहने वाले साधु-संतों को दर्शन की अनुमति देने पर विचार कर सकती है। तीरथ ने कहा कि प्रदेश में पिछले कई दिनों से कोरोना का ग्राफ बढ़ने से सरकार की चिंता भी बढ़ी है, लेकिन  पिछले तीन-चार दिनों से कोविड संक्रमण केसों की संख्या में कमी दर्ज की गई है जिससे कुछ राहत जरूर मिली है। आपको बता दें कि उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल गए हैं। अक्षय तृतीय, मिथुन लग्न की शुभ बेला पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ सुबह 7:30 पर श्रद्धालुओं के दर्शनाथ कपाट खोल दिए गए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है।

कपाट को खोलने के लिए 14 मई को अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। बता दें कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने  गंगोत्री धात के कपाट खोलने के लिए शुभ मुहूर्त निकाला। विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। कपाट खोलने की घोषणा पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ रावल ने की थी। प्राचीन परपंरा के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन हर साल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन निकाला जाता है। गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 18 मई को खुले। बदरीनाथ मंदिर को खोले जाने का मुहूर्त बसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजवंश के दरबार में आयोजित समारोह में निकाला गया था।

जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को भी खोल दिए गए हैं। चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।  वहीं दूसरी ओर, बदरीनाथ मंदिर में भगवान के दर्शन की अनुमति नहीं मिलने से नाराज दो साधुओं ने अनशन के बाद जल भी त्याग दिया। कोरोना के चलते लागू सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बदरीनाथ मंदिर में रावल, पुजारी, हकहकूकधारियों के अलावा अन्य किसी को दर्शन की आज्ञा नहीं है। इसके विरोध में मौनी बाबा और धर्मराज भारती ने बीती 23 मई से भोजन त्यागकर अनशन शुरू किया था। इसके बाद भी दर्शन की अनुमति न मिलने पर दोनों ने सोमवार से जल भी त्याग दिया है। बाबा धर्मराज भारती का कहना है कि उनके अनशन को नौ दिन हो चुके हैं लेकिन जिला प्रशासन व देवस्थानम बोर्ड ने अभी तक दर्शन की अनुमति नहीं दी है। इसे देखते हुए हमने भोजन के साथ जल भी त्याग दिया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें