जिम कॉर्बेट पार्क में जिप्सियां चलाने को बदले नियम, जानिए कैसे मिलेगा परमिट
जिम कॉर्बेट पार्क में जिप्सियों के रिन्यूवल का कार्य शुरू हो गया है। पहली बार चालकों को वाहनों के प्रपत्र के साथ ही उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाण पत्र भी पार्क प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा।
जिम कॉर्बेट पार्क में जिप्सियों के रिन्यूवल का कार्य शुरू हो गया है। पहली बार चालकों को वाहनों के प्रपत्र के साथ ही उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाण पत्र भी पार्क प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा। इससे प्रदेश में रहने वाले स्थानीय लोगों को ही कॉर्बेट में रोजगार मिलेगा। कॉर्बेट में करीब 374 जिप्सियों को पंजीकृत किया गया है। कॉर्बेट में हर साल जिप्सियों का रिन्यूवल होता है।
अधिकारी जंगल सफारी के लिए चलने वाली जिप्सियों के प्रपत्रों की जांच करते हैं। इसके बाद ही दोबारा संचालन की अनुमति दी जाती है। मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली जिप्सियों पर रोक लगाई जाती है। परमिट समाप्त होने की दशा में हर साल कई जिप्सियों को बाहर भी किया जाता है। अगस्त के दूसरे सप्ताह से ही वाहनों के रिन्यूवल का कार्य शुरू हो गया है।
संबंधित फार्म कॉर्बेट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। आवेदन फार्म में स्थायी निवास प्रमाण पत्र जमा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता पहली बार की है। जो बाहर से आकर जिप्सियों का संचालन कर रहे हैं, उन पर रोक लगाई जाएगी। स्थानीय लोगों को ही जिप्सी संचालन की अनुमति देना प्राथमिकता होगी।
ऐसे होगा रिन्यूवल
जिप्सी चालक पार्क की साइट पर अपलोड फार्म में अंकित जानकारियों को भरकर अपने व वाहनों के प्रपत्रों को कॉर्बेट ऑफिस में जमा करेंगे। इसके बाद अधिकारी प्रपत्रों की जांच के बाद मानकों पर खरे उतरने वालों की लिस्ट तैयार करेंगे। यह लिस्ट सितंबर के अंतिम सप्ताह तक जारी हो सकती है।
सीएम प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देकर लोगों को रोजगार से जोड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों को वरीयता दी जा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश के लोगों को यहीं रोजगार देकर पलायन को रोकना भी है।
दिनेश सिंह मंगला, वाइल्ड लाइफ वार्डन
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