बदरीनाथ यात्रा में 17 तीर्थयात्रियों की मौत, केदारनाथ में भी गई जान; ये रखें सावधानी
उन्होंने सुझाव दिया है कि श्रद्धालुओं को केदारनाथ से सीधे बदरीनाथ आने के दौरान पड़ावों में रुककर कम से कम एक दिन अवश्य विश्राम करना चाहिए। तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है।
बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आए अब तक 17लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इसमें एक श्रद्धालु की मौत गुरुवार को हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान भ्यूंडार के पास हुई है। केदारनाथ धाम में भी तीर्थ यात्रियों की जान गई।
विदित हो कि 10 मई से शुरू चारधाम यात्रा में यूपी, राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र आदि राज्यों से तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। चमोली के सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि बदरीनाथ धाम की यात्रा के दौरान दम तोड़ने वाले अधिकांश श्रद्धालुओं की उम्र 50 से अधिक है।
श्रद्धालु तीन दिन में ही बदरी-केदार की यात्रा पूरी करना चाह रहे हैं, जिसके लिए वे केदारनाथ से सीधे बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। जिससे वे उच्च हिमालय क्षेत्र के मौसम को झेल नहीं पा रहे हैं और उन्हें हृदयाघात हो रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि श्रद्धालुओं को केदारनाथ से सीधे बदरीनाथ आने के दौरान पड़ावों में रुककर कम से कम एक दिन अवश्य विश्राम करना चाहिए। जिससे उनका शरीर खुद को यहां के मौसम के अनुकूल ढाल सके।
दर्शन को लाइन में लगा श्रद्धालु बेहोश
बदरीनाथ में दर्शन को लाइन में लगे एक यात्री की शनिवार को अचानक तबीयत खराब होने से वे बेहोश होकर गिर गए। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने बेहोश यात्री को अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका उपचार किया गया। यात्री का स्वास्थ्य अब ठीक है।
थानाध्यक्ष नवनीत भंडारी ने बताया बदरीनाथ में दर्शन पथ पर लाइन में लगे यात्री सुरेश नंदराम शिंदे निवासी जिला परभणी महाराष्ट्र अचानक बेहोश हो कर गिर पड़े। ड्यूटी पर तैनात मुख्य आरक्षी नरेंद्र कुंवर और आरक्षी नैन सिंह तुरंत बेहोश यात्री को मन्दिर परिसर में बने अस्पताल ले गए। चिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद यात्री का स्वास्थ्य ठीक है ।
50 साल से ज्यादा उम्र वालों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस
चारधाम यात्रा के शुरुआत पड़ाव में ही तीर्थ यात्रियों के हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस दिया जाता है। सरकार ने तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य जांच करने के सख्त निर्देश दिए हैं। जिन भी तीर्थ यात्रियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हैं, उन श्रद्धालुओं पर विशेषतौर से फोकस किया गया है। इसके साथ ही दिल और सांस के मरीजों को अधिक पैदल यात्रा करने से बचने की सलाह भी दी गई है।
दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
चारधाम यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
-चारधाम यात्रा करने से पहले प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं
-जीवनरक्षक दवाएं साथ लेकर ही यात्रा पर जाएं
-गर्म कपड़ें अवश्य अपने साथ रखें
-केदारनाथ-बदरीनाथ चारधाम यात्रा के लिए कम से कम सात दिन का टूर बनाएं
-चारधाम यात्रा पर जाने से पहले हररोज 10 मिनट तक सांस से जुड़े व्यायाम करें
-यात्रा पर जाने से पहले टहलें या सैर करने की आदत अवश्य डालें
-चारधाम पर मौसम संबंधी अपडेट जरूर रखें
-यात्रा रूट पर हेल्थ पोस्ट की जानकारी रखें
-सांस लेने में दिक्कत, बात करने में कठिनाई, खांसी, उल्टी, चक्कर आने पर डॉक्टर से परामर्श करें
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