Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़average marks to be given to promote students in post graduate and under graduate courses amid corona virus pandemic in uttarakhand

विवि: परीक्षा की बजाय औसत अंक देकर पास करने पर बनी सहमति,यूजीसी व केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर नजर 

कोरोना संकट के चलते इस साल विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं होने की संभावना काफी कम हो गई है। देश के कई विवि पहले ही छात्रों को प्रमोट करने की घोषणा कर चुके हैं। उत्तराखंड में भी विवि, शिक्षक और...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Fri, 26 June 2020 12:12 PM
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कोरोना संकट के चलते इस साल विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं होने की संभावना काफी कम हो गई है। देश के कई विवि पहले ही छात्रों को प्रमोट करने की घोषणा कर चुके हैं।

उत्तराखंड में भी विवि, शिक्षक और छात्रों के बीच इस पर लगभग आम सहमति बन रही है। हालांकि अंतिम निर्णय के लिए सबकी नजर यूजीसी व केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर है।

प्रदेश सरकार द्वारा 22 मई को जारी निर्देश के अनुसार, विवि की परीक्षाएं एक से 30 जुलाई के बीच आयोजित करने की डेडलाइन तय की थी।

पर कोरोना के चलते उक्त डेडलाइन में भी परीक्षाएं संभव नहीं हो पा रहीं। ज्यादातर विवि मान रहे हैं कि कोरोना का प्रकोप लंबा चलेगा, ऐसे में परीक्षा के बजाय छात्रों को औसत अंकों के आधार पर प्रमोट करने का ही विकल्प शेष है।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदवर्द्धन के मुताबिक, परीक्षा कराना मुख्यरूप से विवि का ही अधिकार क्षेत्र है। विवि सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 

अगस्त में परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है। इससे मूल्यांकन और रिजल्ट में ही अक्तूबर तक का समय लग जाएगा। बेहतर है कि औसत अंक के आधार पर छात्रों को पास किया जाए। और फिर अगस्त से अगले सत्र की ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाए। जिन छात्रों को औसत अंक पर एतराज है वो बाद में बैक पेपर दे सकते हैं।
डॉ. यूएस राणा, महामंत्री, उत्तरांचल विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ
 

अभी केंद्र सरकार ने कॉलेज खोलने की ही अनुमति नहीं दी है। परीक्षा करानी है तो पहले कॉलेज खोलने होंगे। हम इंटरमीडिएट सेमेस्टर में प्रमोट करने का विकल्प देख रहे हैं, अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की ही परीक्षाएं हो सकती हैं। अंतिम निर्णय के लिए हमें यूजीसी और राज्य सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। 
प्रो.पीपी ध्यानी, वीसी, श्रीदेव सुमन विवि 


विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में बड़ी संख्या प्रदेश से बाहर के छात्र भी पढ़ते हैं। परीक्षा कराने पर उन्हें आने-जाने में दिक्कत पैदा होगी। ऐसे में हालात सामान्य रहे तो अगस्त में फाइनल ईयर के छात्रों की ही परीक्षा हो सकेंगी। शेष कक्षाओं में प्रमोट करने का ही विकल्प बचता है। अंतिम निर्णय के लिए यूजीसी गाइडलाइन का इंतजार है।
प्रो. एनके जोशी, वीसी, कुमाऊं विवि  

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