खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, पढ़ें पूरी खबर
सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों से एलटी और प्रवक्ता कैडर के शिक्षकों का पिछले तीन साल का रिकार्ड तलब...
सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों से एलटी और प्रवक्ता कैडर के शिक्षकों का पिछले तीन साल का रिकार्ड तलब किया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सरकारी स्कूलों की स्थिति रिजल्ट के लिहाज से बेहद खराब है। गत तीन साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड का रिजल्ट भले ही 70 फीसदी से ज्यादा है पर यह अशासकीय और मान्यताप्राप्त स्कूलों, शिक्षा भारती स्कूलों की वजह से है।
बोर्ड का रिजल्ट
वर्ष हाईस्कूल इंटर
2016 73.48 78.42
2017 73.68 78.89
2018 74.57 78.97
यूं होगा आकलन
इस कार्रवाई के दायरे में दो प्रकार के शिक्षक आएंगे। पहले वो जिनके कक्षा के छात्रों का रिजल्ट बोर्ड के औसत रिजल्ट से कम है। दूसरे शिक्षक वो होंगे जिनका परीक्षाफल शून्य रहा है। हर शिक्षक का उसके विषय में ही आंकलन किया जाएगा।
चहेतों पर भी होगी कार्रवाई?
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस शुरू हो चुकी है। शिक्षकों का सवाल है कि जो शिक्षक अटैचमेंट पर तैनात है, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी या केवल दुर्गम में शिक्षा का दीप जला रहे शिक्षकों का ही उत्पीड़न किया जाएगा?
यूं होगी कार्रवाई
खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों के खिलाफ सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत कार्रवाई होगी। शिक्षकों का रिकार्ड उनके सर्विस बुक में भी दर्ज होगा। इसका आंकलन प्रमोशन की प्रक्रिया में भी होगा। साथ ट्रांसफर में सुगम को वरीयता नहीं मिलेगी।
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