Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़14 feet snowfall in Kedarnath dham temperature goes to minus 14 degree Celsius

उत्तराखंड: केदारनाथ में 14 फीट बर्फ में मौसम से लड़ रहे 13 लोग

केदारनाथ धाम में वर्षों बाद 14 फीट बर्फबारी हुई है। पूरी केदारपुरी बर्फ का मैदान बन गई है। बाबा केदार के मंदिर का केवल गुम्बद नजर आ रहा है। मौसम खराब होने पर बाहर निकलने का तो सवाल ही नहीं, धूप...

बद्री नौटियाल  रुद्रप्रयाग, Tue, 26 Feb 2019 05:17 AM
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केदारनाथ धाम में वर्षों बाद 14 फीट बर्फबारी हुई है। पूरी केदारपुरी बर्फ का मैदान बन गई है। बाबा केदार के मंदिर का केवल गुम्बद नजर आ रहा है। मौसम खराब होने पर बाहर निकलने का तो सवाल ही नहीं, धूप निकलने पर बर्फ के कारण आंखें खोलने में दिक्कत हो रही है। धाम के इस विकट मौसम के बीच तेरह लोग वहां रह रहे हैं। यह लोग दिनभर दरवाजों और छत पर गिरी बर्फ को ही बामुश्किल हटा पा रहे हैं। 

एक महीने से बिजली, पानी ठप
इस बार लगातार हो रही बर्फबारी के कारण एक महीने से केदारपुरी में बिजली ठप है। पानी की लाइनें जम चुकी हैं। धाम में पुनर्निर्माण का काम कर रही वुड स्टोन कंपनी के इंचार्ज सोबन सिंह बिष्ट का कहना है कि बर्फ पिघलाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है। बीएसएनएल का एक टावर है। जिसे बैट्री से रोजाना कुछ घंटे चलाकर सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा रहा है। 

माइनस चौदह तापमान
कैप्टन सोबन सिंह बिष्ट ने बताया कि धूप खिलने पर वहां तापमान माइनस ग्यारह से चौदह डिग्री पहुंच रहा है। धूप खिलने पर बिना काले चश्मे के आंख नहीं खोल सकते। पुनर्निर्माण का काम एक महीने से ठप है।

11 कर्मचारी, दो पुलिस वाले 
केदारनाथ में इस समय वुड स्टोन कंपनी के 11 मजदूर और कर्मचारी तथा दो पुलिसकर्मी हैं। पिछले एक महीने से वहां गौरीकुंड, रुद्रप्रयाग के लिए आवाजाही बंद है। जाड़ों से पहले आलू, दाल, चावल और न्यूट्रीला का जो स्टाक रखा गया था, उसी से काम चलाया जा रहा है। 

गरुड़चट्टी में रह रहे छह बाबा
विकट मौसम के बीच केदारनाथ से तीन किमी नीचे छह बाबा भी जमे हुए हैं। हालांकि उनके पास रहने, खाने का क्या इंतजाम है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

मजदूर कम होने से बढ़ी दिक्कत
पिछले वर्षों तक धाम में नेहरु माउंटेनरिंग संस्थान के कर्मचारियों के नेतृत्व में दो से ढाई सौ मजदूर केदारनाथ में रहते थे। बर्फबारी के दिनों में निम के अनुभवी कर्मचारी और मजदूर आसपास की बर्फ हटा लेते थे। लेकिन इस बार मजदूर बहुत कम हैं। इसलिए ये अपने कमरों के दरवाजे और छतों से ही बर्फ हटा पा रहे हैं। 

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