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बोले गढ़वाल : एजेंसी मोहल्ले की बदहाल सड़कों पर चलना मुश्किल, प्रशासन ने आंखें मूंदी

श्रीनगर निगम बनने के तीन साल बाद भी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। एजेंसी मोहल्ला में सड़कें बदहाल हैं, सीवर लाइन ठीक से नहीं चल रही और कूड़े का ढेर समस्या बना हुआ है।

Newswrap हिन्दुस्तान, श्रीनगरFri, 14 Feb 2025 12:26 AM
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बोले गढ़वाल : एजेंसी मोहल्ले की बदहाल सड़कों पर चलना मुश्किल, प्रशासन ने आंखें मूंदी

नगर पालिका से उच्चीकृत होकर नगर निगम बनने के तीन वर्षों बाद भी श्रीनगर निगम क्षेत्र के अनेक आवासीय इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का समुचित विकास और उनसे सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका है। एजेंसी मोहल्ला की बदहाल सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है। सड़कों पर गड्ढे पड़े हुए हैं, जिनमें लोग चोटिल हो जाते हैं। श्रीनगर से रविंद्र प्रसाद की रिपोर्ट... तीन वर्ष पूर्व श्रीनगर ने नगर निगम का दर्जा हासिल तो कर लिया लेकिन धरातल पर हालात नहीं बदले हैं। इसीका उदारहण देखने को मिलता है लगभग 2000 की आबादी वाले एजेन्सी केवट मोहल्ला क्षेत्र में। मोहल्ले में जहां चोक सीवरलाइन कुछ स्थाानों पर लीक कर रही है तो उससे रिसता सीवर सड़क या फिर नालियों में बह रहा है जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ एजेंसी मोहल्ले के बड़े आबादीक्षेत्र में सीवरलाइन की सुविधा ही नहीं है। सीवरलाइन नहीं होने से यहां भी कुछ स्थानों पर सीवर नालियों में बहकर अलकनन्दा नदी में मिल रहा है। अभी क्षेत्र के अधिकांश भाग को सीवर कनेकक्टिविटी से नहीं जोड़ा गया है। वहीं सम्पर्क मार्गों की स्थिति इस कदर खराब है कि नगर पालिका के दौर में बने सम्पर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं जिन पर पैदल चलने वालों के लिए तो मुश्किल हैं ही, साथ ही बदहाल तंग रास्तों पर कई बार दोपहिया वाहन रपटकर क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। कई दोपहिया वाहनसवार चोटिल भी हो चुके हैं। बांसवाड़ा के पास नेशनल हाईवे से हनुमान मंदिर को जाती सड़क का लंबे समय से डामरीकरण नहीं होने से वो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बड़े बड़े गड्ढों ने जनता की मुसीबतें बढ़ाई हुई हैं। भूमिगत नालियों से पानी रिसकर घरों तक पहुंच रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के नीचे नगरपालिका कॉलोनी के पास लंबे समय से पानी का पाइप फटा होने के कारण पानी निंरतर लीकेज हो रहा है जिसका कोई पूछने वाला नहीं है। वहीं क्षेत्र में बने बच्चों के मनोरंजन पार्क के भी सुधारीकरण की मांग स्थानीय लोगों ने की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि शाम के समय यह पार्क असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है क्योंकि पार्क के देखरेख की कोई व्यवस्था ही नहीं है। स्थानीय निवासियों की मांग है की रास्तों पर कई स्थानों पर रेलिंग लगाने की आवश्यकता है क्योंकि कई बार छोटे बच्चे रेलिंग न होने के कारण रास्तों से नीचे गिर जाते हैं इसलिए रेलिंग लगनी आवश्यक है।

एजेंसी मोहल्ला और केवट मोहल्ला के बीच रास्तों की हालत खराब

एजेन्सी मोहल्ला और केवट मोहल्ला क्षेत्र के बीच रास्तों की स्थिति बेहद खराब है जिस वजह से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से बांसवाड़ा होते हुए हनुमान मंदिर तक की सड़क बेहद बदहाल स्थिति में है। खराब सड़क की स्थिति इस कदर खराब है कि लगभग 500 मीटर हिस्से की सड़क पर बीचोंबीच मौजूद बड़े गढ्डे पैदल के साथ वाहनसवारों के लिये सिरदर्दी बने हुए हैं और डामर पूरी तरह उखड़ा हुआ है जिस कारण विशेषत: दुपहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से सडकों का सुधारीकरण न होने से यह स्थिति बनी हुई जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

खुले में फैला कूड़ा लोगों के लिए बना परेशानी का सबब

हनुमान मंदिर से बांसवाड़ा के बीच ऊपरी क्षेत्र से आ रहे गदेरे में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। हैरत की बात है कि शासन प्रशासन की स्वच्छ पर्यावरण स्वच्छ भारत की मुहिम इस स्थान पर आकर दम तोड़ती नजर आती ही है। यहां कूड़े के ढेरों से चारों ओर दुर्गंंध भी फैलती है। नवनिर्वाचित पार्षद शुभम प्रभाकर समेत क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां कूड़ा निस्तारण की समस्या चुनौती बना हुआ है। स्वच्छ पर्यावरण की दृष्टि से खुले में इतनी अधिक मात्रा में कूड़ा बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास गदेरे से इस डम्प कूड़े को साफ करवाना भी रहेगा साथ ही अलकनंदा किनारे शारदानाथ घाट पर जो गंदगी फैली है उसकी सफाई करवाना भी उनकी प्राथमिकता में रहेगा।

भूमिगत पाइपलाइन में लीकेज की समस्या से पेयजल आपूर्ति में दिक्कत

एजेन्सी मोहल्ला क्षेत्र में सरकारी कॉलोनी के पास पानी की भूमिगत पाइपलाइन लीकेज होने के कारण यहां लंबे समय से पेयजल रास्ते पर बहकर बर्बाद हो रहा है जिससे पेयजल आपूर्ति में भी दिक्कतें आती हैं। लोगों का कहना है कि गर्मियों में पेयजल की भारी किल्लत बनी रहती है जिसकी दृष्टि से लीकेज पाईपलाइनों को ठीक किया जाना आवश्यक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से यह पाइपलाइन लीकेज है और इससे बड़ी मात्रा में पानी यूंही बहकर बर्बाद हो रहा है जिसे तत्काल ठीक किये जाने की आवश्यकता है।

सुझाव

1. जल्द ही क्षेत्र में सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाए।

2. क्षेत्र के क्षतिग्रस्त सम्पर्क मार्गों को तत्काल ठीक किया जाना चाहिए।

3. रास्तों पर जिन जगह रेलिंग नहीं है वहां रेलिंग लगाई जानी चाहिए जिससे रास्तों से नीचे गिरने का खतरा न हो।

4. क्षेत्र में नियमित कूड़ागाड़ी पहुंचे और पर्याप्त छोटे कूड़ेदान लगाए जाएं।

5. क्षेत्र में भूमिगत नालियों का मानकानुसार समुचित निर्माण जिससे नालियां चोक न हों और पेयजल लाइनों के लीकेज को जल्द ठीक किया जाए।

शिकायतें

1. अधिकांश आवासीय बस्ती में सीवर लाइन कनेक्टिविटी नहीं है जिस कारण लोग परेशान हैं।
2. क्षेत्र में सम्पर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, जिस कारण आवाजाही में दिक्कतें होती हैं।
3. रास्तों पर कई जगह रेलिंग नहीं है जिस कारण दुर्घटना की समस्याएं बनी रहती हैं।
4. खेल मैदान के पास स्थित खुला कूड़ादान रास्ते पर ही है जिस कारण लावारिस पशु इससे कूड़ा बाहर खींच लेते हैं और कूड़ा रास्ते पर ही फैल जाता है।
5. क्षेत्र में नालियों का निर्माण पूरी तरह से नहीं हुआ है कुछ नालियों से पानी भी रिसता है।

पूरे नगरनिगम क्षेत्र में विभिन्न जो भी जनसमस्याएं हैं उनके समय और चरणबद्ध तरीके से प्रभावी निदान की कोशिशें की जा रही हैं। संसाधनों की कमी की वजह से भी थोड़ी दिक्कतें हैं लेकिन हमारा प्रयास है कि जनसमस्याओं का निवारण हो सके। नगर निगम प्रशासन समस्याओं के हल के लिए प्रयासरत है।-नुपूर वर्मा, एसडीएम व नगर आयुक्त, नगर निगम।

बोले जिम्मेदार

एजेंसी मोहल्ले में मनोरंजन पार्क के निकट पेयजल लाइन के लीकेज का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। आपके द्वारा ये हमारे संज्ञान में लाया गया है तो इसे हम तत्काल दिखवा ले रहे हैं और अन्य स्थानों पर जहां भी इस तरह के मामले बताये जायेंगे उनपर प्रभावी कार्यवाही करते हुए उन्हें दुरुस्त किया जायेगा।-कृष्णकांत, ए.ई., जल संस्थान, श्रीनगर।

पार्क के रास्ते पर रेलिंग न होने से दिक्कत

एजेंसी मोहल्ला क्षेत्र में बने मनोरंजन पार्क के पास रास्ते पर रेलिंग न होने से राहगीरों को परेशानी होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पार्क में आने-जाने का रास्ता भी है जिस पर रेलिंग न होने का कारण कई बार बच्चे रास्ते से नीचे भी गिर जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं इसलिए यहां रेलिंग लगनी अनिवार्य है। लोगों का कहना है कि पार्क का नवीनीकरण भी किया जाना चाहिए तथा यहां देखरेख भी आवश्यक है जिससे शाम के समय असामाजिक तत्व अपनी मनमानी न करें और न उनका अवांछित जमावड़ा लगे।

क्या कहती है जनता...

एजेन्सी व केवट मोहल्ले में लम्बे समय से मौजूद विभिन्न समस्याओं से लोग परेशान हैं। समस्याएं दूर करेंगे। -शुभम प्रभाकर, नवनिर्वाचित पार्षद

क्षेत्र को अभी तक सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया है नगर निगम बनने के बाद उम्मीद थी कि सीवर निस्तारण की सुविधा मिलेगी, लेकिन अभी तक यह नहीं हो पाया है। -गुड्डी रावत

नगर निगम बनने के बाद भी व्यवस्थाएं लचर ही हैं। कई जगह रास्ते बदहाल हैं जिन पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। -राजेश्वरी रावत

मनोरंजन पार्क के पास व अन्य रास्तों जिन पर रेलिंग नहीं है वहां गिरने का खतरा रहता है इसलिए दुर्घटना संभावित जगहों पर रेलिंग लगनी चाहिए। -दीना भंडारी

सीवर ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए समस्त क्षेत्र को सीवर लाइन से जोड़ा जाना चाहिए व मानकानुसार सीवर लाइन का निर्माण होना चाहिए। -मधु देवी

टूटे फूटे रास्ते राहगीरों के साथ ही दुपहिया वाहनों के लिए भी खतरनाक हैं इसलिए इस समस्या का समाधान होना चाहिए। -रेखा जुयाल

क्षेत्र में कूड़ा गाड़ी का चक्कर दो बार हो तो लोगों को कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात मिल पायेगी। -संतोषी नेगी

क्षेत्र में लीकेज पानी की पाइप लाइनों को भी ठीक किया जाना चाहिए, जिससे पानी का वेस्टेज न हो। -शिलम शैली

मुख्य सडक हो या सम्पर्क मार्ग सभी बदहाल हैं लंबे समय से सड़कों की मरम्मत ही नहीं हुई है इसिलए क्षतिग्रस्त सडकों को ठीक किया जाना चाहिए। -मंजू नौटियाल

नगर निगम बनने के बाद हमने विकास की उम्मीद की थी, लेकिन बुनियादी सुविधाएं ही दुरुस्त नहीं हो पाई हैं जो बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। -देवेन्द्र प्रसाद

एजेंसी मोहल्ला क्षेत्र में बने मनोरंजन पार्क की देखरेख करने वाला कोई नहीं है शाम को पार्क असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है जिस कारण आम जनों का पार्क में जाना मुश्किल हो जाता है। -बी.एन. कर्नाटक

रास्तों से गुजरती भूमिगत नालियों से लंबे समय से लीकेज हो रहा और पानी घरों में घुस रहा है जिसका समाधान नहीं हो पाया है। -गौरव उपाध्याय

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