धरती पर हो चुका परमात्मा का अवतरण- बीके पूनम
प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंटआबू के तत्वावधान में श्रीनगर में चल रहे 10 दिवसीय मेगा अलविदा तनाव शिविर में नौवें दिन श्रोताओं को परमात्मा के अवरण के बारे में जानकारी दी गई। जबकि...
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंटआबू के तत्वावधान में श्रीनगर में चल रहे 10 दिवसीय मेगा अलविदा तनाव शिविर में नौवें दिन श्रोताओं को परमात्मा के अवरण के बारे में जानकारी दी गई। जबकि देवी-देवताओं की मंडली ने श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राधे-कृष्ण के रूप में सजी हुई देवी-देवताओं का अलौकिक रास को देखकर पड़ाल में बैठे लोग झूम उठे। सर्राफा धर्मशाला में आयोजित शिविर में राजयोगिनी बीके पूनम बहन ने ब्रह्माकुमारीज का इतिहास सुनाते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक दादा लेखराज थे, जो कि एक हीरे जवाहरात के व्यापारी थे। जिनका 60 वर्ष की आयु में हैदराबाद सिंध पाकिस्तान में दिव्य साक्षात्कार हुआ। जिसकी प्रेरणा हुई कि अब इस विश्व के परिवर्तन का समय है और उन्हें स्वर्णिम दुनिया के साक्षात्कार होने लगे और ओम मंडली के नाम पर एक सत्संग आरंभ किया। जो बाद में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि के नाम स्थापित हुआ। स्वयं निराकार शिव परमात्मा ने उन्हें प्रजापिता ब्रह्मा का नाम दिया और उनके मुख के द्वारा से आध्यात्मिक ज्ञान की शिक्षा दी। आज उनकी इस संगठन से 140 देशों में 8500 से ज्यादा सेवा केन्द्रों में विश्व परिवर्तन एवं आध्यात्मिक योग की शिक्षा दी जा रही है। कहा कि स्वयं परमात्मा धरती पर अवतरित हुए और उन्हें पता भी नहीं चला। इस मौके पर राजीव विश्नोई, अखिलेश चन्द्र चमोला, सतीश काला, वासुदेव, अंकित, बंटी, अरूण, वीरेन्द्र, तेजस, मनसुख, बलवीर, हरिओम, बीके मेहर चंद, बीके ऊषा, नीलम, सरिता, प्रीती सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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