अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर स्कूलों में बांग्ला भाषा पर जोर
दिनेशपुर में बंगाली कर्मचारी उन्नयन समिति और बंगीय सांस्कृतिक सुधा समिति ने मातृभाषा के लिए प्राण देने वाले युवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने सरकार से प्राइमरी स्तर से बांग्ला भाषा लागू करने की...
दिनेशपुर, संवाददाता। बंगाली कर्मचारी उन्नयन समिति, बंगीय सांस्कृतिक सुधा समिति ने स्व़ पुलिन विश्वास चौक पर एकत्रित होकर मातृभाषा के लिए प्राण देने वाले युवाओं को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही बांग्ला भाषा पर जोर दिया। शुक्रवार देर शाम सभी ने एक स्वर में सरकार से प्राइमरी स्तर से बांग्ला भाषा लागू करने की मांग की। कर्मचारी उन्नयन समिति के प्रदेश अध्यक्ष रवि सरकार ने कहा किसी भी जाति अथवा वर्ग विशेष का परिचय उसकी भाषा और संस्कृति है। बंगाली समाज 30- 35 वर्षों से प्राइमरी स्तर से बांग्ला भाषा लागू करने की मांग कर रहे हैं।
त्रिस्तरीय भाषा फार्मूला के तहत केंद्र सरकार चाहती है कि हर बच्चा अपनी मातृभाषा सीखे, लिखे, पड़े । केंद्र सरकार ने बांग्ला भाषा को क्लासिकल लैंग्वेज के रूप में भी चुना है। पिछली धामी सरकार ने बांग्ला भाषा, कुमाऊंनी भाषा और गुरुमुखी भाषा को प्राइमरी स्तर से लागू करने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में पास किया था। चुनाव आचार संहिता लग जाने के कारण उस पर आगे कार्य नहीं हुआ। वर्तमान पुनः भाजपा की सरकार है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र में प्राइमरी स्तर से बांग्ला भाषा लागू करने की मांग की है। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में नित्यानंद मंडल, डॉ जगदीश मंडल,मानिक शुक्ला, मनोज राय, सुभाष व्यापारी, चंद्रशेखर विश्वास, विश्वजीत सरकार, विपुल मंडल, सदानंद कुमार, अमृत विश्वास ,बी सेन, नितिन हालदार, राजू गाईन, शुभम गाईन, पेरी मोहन समेत भारी संख्या में बांग्ला भाषी लोग मौजूद रहे।
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